15/12/2014 मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जागरूक सप्ताह- पांडुरंग
हरियाणा, कैथल, उपायुक्त श्री के.एम.पांडुरंग ने स्थानीय इंदिरा गांधी मल्टी स्पेशलिटी
अस्पताल परिसर में सुरक्षित जननी सप्ताह का शुभारंभ किया। जिला में उच्च
जोखिम (हाई रिस्क) गर्भवती महिलाओं की पहचान के लिए 15 से 19 दिसम्बर तक सुरक्षित जननी सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके तहत संबंधित महिलाओं को
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लाल रंग के एमसीपी कार्ड, रेफैरल स्लिप तथा अन्य
सुविधाएं नि:शुल्क दी जाएगी।
के.एम.पांडुरंग ने कहा कि इस सप्ताह के दौरान महिलाओं को जिला में मातृ
मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जागरूक किया जाएगा। एक
आंकड़े के अनुसार प्रदेश में हर वर्ष 5.5 लाख महिलाएं हर वर्ष गर्भ धारण
करती है, जिनमें से करीब 80 हजार उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं होती है।
इन महिलाओं को प्रसव पूर्व और प्रसव बाद की अवधि के दौरान अन्य सुविधाओं
को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएंगी।
उपायुक्त
ने कहा कि इस सप्ताह के दौरान गर्भवती महिलाओं का पूर्ण चैकअप किया जाएगा
और उनमें से हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनकी देखभाल के लिए
उचित कदम उठाए जाएंगे। क्षेत्र की आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और
एएनएम गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए उप-केन्द्रों पर लाने का कार्य
करेगी। इन उप केन्द्रों पर लाई जाने वाली महिलाओं में से ही उच्च जोखिम
गर्भवती महिलाओं की पहचान की जाएगी। इस दौरान गर्भवती महिलाओं और उनके
बच्चे के सुरक्षित भविष्य के लिए आगामी कार्य योजना समझायी जाएगी।
उपायुक्त
ने कहा कि ऐसी महिलाओं को उचित उपचार और 102 नम्बर पर नि:शुल्क एम्बूलैंस
की सुविधा दी जाएगी। इस संबंध में प्रदेश जिला अस्पतालों में उच्च जोखिम
गर्भवती महिला इकाई की स्थापना की गई है, जहां इन महिलाओं की देखरेख की
पूरी जिम्मेदारी अस्पतालों में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ की होगी। इससे
संस्थानों में उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं के प्रसव सुरक्षित हो सकेंगे और
मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी।
उपायुक्त
ने अस्पताल परिसर में प्रसुत्ति ओपीडी, दंत ओपीडी, नेत्र ओपीडी व अस्पताल
प्रशासन द्वारा जुटाई जा रही सुविधाओं का मौके पर अवलोकन किया और सिविल
सर्जन डा. आदित्य स्वरूप गुप्ता को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में
प्रसव के दौरान दी जाने वाली सुविधाओं पर विशेष नजर रखी जाए। उन्होंने जिला
में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप
स्वास्थ्य केंद्रों पर लगातार गर्भवती महिलाओं को खून, पेशाब टैस्ट के
अलावा अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल के अलावा
अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर व मानव
संसाधन जुटाने का प्रयास किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग
के सहयोग से एक टीम का गठन किया जाएगा, जो समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग के
अधिकारियों व कर्मचारियों को बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के
लिए प्रेरित करेंगे।
सिविल
सर्जन डा. आदित्य स्वरूप गुप्ता ने उपायुक्त का स्वागत करते हुए बताया कि
जिला के सभी 143 स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की जांच के साथ-साथ
हाई रिस्क महिलाओं की पहचान करके उनकी समूचित देखभाल की जाएगी तथा सभी
स्वास्थ्य केंद्र प्रात: 9 बजे से सायं 4 बजे तक लगातार खुले रहेंगे।
उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर और एएनएम ग्रामीण
क्षेत्रों में ऐसी महिलाओं से लगातार संपर्क में रहेंगी तथा उनकी स्वास्थ्य
संबंधी हर समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर रहेंगी। इस अवसर पर डा.
आरडी चावला, डा. रेनू चावला, डा. संध्या गुप्ता, वीना बवेजा, परमजीत, राजेश
और नरेंद्र मौजूद रहे।