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08/06/2013  
तत्काल टिकट बुक कराने को आम जनता त्रस्त, दलाल मस्त
 

मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन आरपीएफ व आरक्षण खिडकी के बाबू की मिली भगत से तत्काल में चल रही दलालों की धींगामस्ती

आरपीएफ व आरक्षण खिडकी के बाबू की मिलीभगत से तत्काल में फलफूल रहा दलालों का कारोबार देवबंद रेलवे स्टेशन पर भी तत्काल में दलालों की भरमार.. रेलवे स्टेशन मुजफ्फरनगर पर तत्काल में टिकट कराने के लिए यात्रियों को परेशान देखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर दलालों का कारोबार तत्काल के टिकट कराने में आरपीएफ तथा आरक्षण खिडकी के बाबू की मिली भगत से फलफूल रहा है जिस कारण आम व्यक्तियों को तत्काल में टिकट कराने के लिए निराशा ही हाथ लगती है। दलाल सुबह से ही आरक्षण खिडकी के बाहर खडे हो जाते है और आम व्यक्तियों को एक लिस्ट में नाम लिखाने की  बात कहकर नम्बर आने पर तत्काल में टिकट कराने की बात कहकर गुमराह करते है जबकि आरक्षण खिडकी पर बैठने वाले बाबू भी दलालों की इस बात का समर्थन कर व्यक्तियों को गुमराह करते है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड द्वारा तत्काल में एक दिन पहले टिकट बनाने की सुविधा इमरजेंसी स्थिति में यात्रियों के लिए दे  रखी है लेकिन इन दिनों मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर दलालों ने यात्रियों से तत्काल टिकट दिलाने के लिए अपने पैर जमा लिये है। आरपीएफ तथा आरक्षण खिडकी पर बैठे बाबू की मिलीभगत के चलते दलालों का तत्काल में टिकट बनवाने का खेल मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर खूब फलफूल रहा है।  जिसके चलते आम व्यक्तियों को तत्काल में टिकट बनवाने में भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर आरक्ष्+ाण खिडकी के बाहर सुबह 7 बजे से ही दलाल आकर खडे हो जाते है और वहां पर एक पर्चा लगाकर उस पर अपने नम्बर से नाम लिख लेते है तथा तत्काल में टिकट बनवाने के लिए आने वाले अन्य व्यक्तियों को लाइन में लगने पर उन्हें अपने पर्चे पर नाम लिखने की बात कहते हुए व्यक्तियों गुमराह कर लाइन में नहीं लगने देते है और यदि कोई इसका विरोध करता है तो आरक्षण खिडकी पर बैठे बाबू इन दलालों का समर्थन करते हुए कहते है कि ये चार दिन से लगातार आ रहे है इसलिए उनका टिकट बिना लाइन के बनाया जायेगा। चाहे आप कुछ कहे आप अपनी लाईन में पीछे लग जाओ आपका नम्बर आने के बाद ही आपका टिकट बनाया जायेगा। पहले उन लोगों का नम्बर बनाया जायेगा जो लिस्ट के अनुसार आ रहे है। जब आरक्षण खिडकी पर बैठे बाबू से पूछा गया कि क्या रेलवे द्वारा लिस्ट में नाम लिखवाकर आने पर ही टिकट बनाये जाने का कोई नियम लागू हुआ है तो उसने कहा कि ऐसा नहीं है। परंतु उन लोगों का टिकट पहले बनाया जायेगा जो लोग लिस्ट के अनुसार आ रहे है।
सूत्रों की माने तो दलालों द्वारा तत्काल में टिकट कन्फ्रर्म कराने के लिए 500 रूपये प्रति टिकट लिये लेते है और एक फार्म पर 6 व्यक्तियों के टिकट बनाये जा सकते है जिससे एक फार्म के दलाल 3 हजार रूपये लेते और उनमें से कुछ हिस्सा आरपीएफ तथा आरक्षण खिडकी पर टिकट बना रहे बाबू को भी जाता है।
वहीं दूसरी ओर आरपीएफ पुलिस द्वारा भी ऐसा प्रावधान होने से मना कर दिया गया तथा काफी देर बाद आरपीएफ पुलिस द्वारा आरक्षण खिडकी पर पहुंची परंतु फिर भी कोई व्यवस्था नहीं बनायी।
वहीं दूसरी ओर स्टेशन मास्टर एम.एम. त्यागी का कहना है कि रेलवे बोर्ड द्वारा आरक्षण खिडकी पर कोई नाम लिस्ट बनाने का प्रावधान लागू नहीं हुआ है। सभी व्यक्तियों को लाईन में लगकर अपने नम्बर के हिसाब से टिकट लेने का अधिकार है। यदि कोई लिस्ट बनायी जा रही है वह गलत है।
इतना ही नहीं जनपद सहारनपुर के देवबंद रेलवे स्टेशन पर भी तत्काल में टिकट कराने वाले दलालों की भरभर है जो सुबह से ही आरक्षण खिडकी पर आये दिन आकर लाईन में खडे हो जाते है और तथा आम व्यक्तियों का नम्बर तक नहीं आने देते है। सूत्रों का कहना है कि यहां पर भी जीआरपीएफ व आरक्षण खिडकी के बाबू की मिली भगत के चलते आरक्षण खिडकी पर रात्रि से ही तत्काल में टिकट बनाये जाने के लिए एक नाम लिस्ट बनायी जाती है जो जीआरपीएफ के सिपाही द्वारा ही बनाने आम व्यक्तियों पर दबाव बनाकर उसमें नाम लिखवाया जाता है। जिस कारण देवबंद रेलवे स्टेशन पर दलालों का नम्बर पहले आ जाता है और आम व्यक्ति को तत्काल में टिकट नहीं मिल पाता है।
ज्ञात हो कि विगत दिनों आरपीएफ मुजफ्फरनगर द्वारा देवबंद रेलवे स्टेशन पर छापा मारकर कई दलालों को तत्काल में टिकट बनवाते हुए पकडा था जिसके बाद कई दिनों तक दलाल आरक्षण खिडकी पर दिखाई नहीं दिये थे। परंतु पिछले एक सप्ताह से पुनः दलालों ने आरक्षण खिडकी पर अपना जमावाडा बना लिया है और सुबह से ही आरक्षण खिडकी पर खडे हो जाते है।

आसानी से पकडे जा सकते है तत्काल में दलाल
सूत्रों की माने तो तत्काल के टिकट कराने वाले दलालोंे को आसानी से पकडा जा सकता है। क्योंकि कुछ चेहरे ऐसे है जो रोजाना आरक्षण खिडकी पर तत्काल के टिकट बुक कराने के लिए आते है और जो आम व्यक्तियोें जिन्हें तत्काल में टिकट चाहिए होते है उन्हें लिस्ट में नाम लिखने के नाम पर गुमराह करते है तथा आरक्षण खिडकी पर बैठे बाबू की मिलीभगत से तत्काल में टिकट करा लेते है तथा आम आदमी को इस बीच निराशा ही हाथ लगती है। इतना ही नहीं ये एक एक दलाल कई कई फार्म पर टिकट कराते है जिससे आम व्यक्ति का नम्बर तक नहीं आता है और उन्हें वेटिंग में टिकट कराकर यात्रा करनी पडती है। इनकी पहचान आसानी से हो जाती है और इन्हें आसानी से पकडा भी जा सकता है। परंतु आरपीएफ द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है।

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