15/07/2013 |
शाश्वत सुख केवल प्रभु प्राप्ति द्वारा ही सम्भव |
ठियोग 14 जुलाई 2013 मानव सुखों की तलाश में भटक रहा है, लेकिन सर्व सुख केवल सद्गुरू के चरणों में मिलता है। भौतिक सुख क्षणिक है, जबकि शाश्वत सुख प्रभु प्राप्ति द्वारा ही स्ंभव है।
उपरोक्त विचार दिल्ली से आये सन्त
निरंकारी मिशन के वरिष्ठ सन्त एवं केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पूज्य श्री हरबंस लाल अरोड़ा जी ने
पोटेटो ग्राउंड ठियोग में रविवार को आयोजित
विशाल निरंकारी क्षेत्रीय समागम के दौरान प्रकट किये । उन्होंने कहा कि भक्ति की शुरूआत ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के बाद ही होती है । अगर
विश्वास और श्रद्धा है तो सद्गुरू भक्तों की रक्षा स्वयं करते हैं। गुरूसिख का कर्म है सत्गुरू को याद करना,
लेकिन इसके लिए सत्संग रूपी सागर में डुबकी लगाना ज़रूरी है । |
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