01/08/2013 |
प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती. आयुषि मैहता |
प्रतिभा है तो छोटी उम्र में भी वो मुकाम हासिल हो जाता है, जिसे पाने के लिए लोग ताजिंदगी तरसते रहते हैं 4 रीयल न्यूज के सीईओ यश मैहता की लाडली नन्ही परी आयुषि मैहता ने अपनी प्रतिभा से वो मुकाम हासिल किया है जिसे सुनकर कोई भी दांतों तले ऊंगली दबा ले न्यूज चैनलों की दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहे 4 रीयल न्यूज चैनल की चाइल्ड एंकर आयुषि मैहता ने अपनी काबिलियत के दम पर बड़े बड़ों से अपना लोहा मनवाया है आयुषि की इस काबिलियत को पिछले दिनों सम्मानित किया गया देश की
राजधानी दिल्ली में. मौका था प्रयत्न संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम होनहारों को सम्मान का. दिल्ली के यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 28 जुलाई को प्रयत्न संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम होनहारों को सम्मान की मुख्य अतिथि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला
दीक्षित थीं. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बतौर मुख्य अतिथि 4 रीयल न्यूज की
चाइल्ड एंकर आयुषि मैहता को सर्वश्रेष्ठ एंकर के अवार्ड से सम्मानित किया. आयुषि
मैहता को 4 रीयल न्यूज के कार्यक्रम TEL ME WHY की बेहतरीन एंकरिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ चाइल्ड
एंकर के खिताब से सम्मानित किया गया. 4 रीयल न्यूज के सीईओ यश मैहता की होनहार बेटी आयुषि मैहता इस
कार्यक्रम की चाइल्ड एंकर हैं, आयुषि की एंकरिंग की खासियत
ये है कि वो दूसरे एंकरों की तरह टीपी पढ़कर या किसी दूसरे का लिखा हुआ कैमरे के
सामने नहीं पढ़तीं. कार्यक्रम से संबंधित बातों और अपने विचारों को वो खुद ही अपनी
समझ से दर्शकों के सामने रखती हैं. मुख्यमंत्री के हाथों सर्वश्रेष्ठ चाइल्ड एंकर का सम्मान पाकर आयुषि
भी गौरवान्वित महसूस कर रही थीं. आयुषि को मिले इस सम्मान ने एकबार फिर साबित कर
दिया कि प्रतिभा के लिए उम्र से बड़ा होना जरूरी नहीं है. अगर कोई काबिल है तो
छोटी उम्र में भी कामयाबियों का बड़ा आसमान छू सकता है. सर्वश्रेष्ठ चाइल्ड एंकर
से सम्मानित आयुषि मैहता ने दुनिया को और अपने हमउम्र को ये संदेश दिया है कि अपने
ख्वाबों को हासिल करना नामुमकिन नहीं है. शर्त बस इतनी कि अपने ख्वाबों को पाने के
लिए लगन और हौसला होना चाहिए. आयुषि मैहता ने सर्वश्रेष्ठ चाइल्ड एंकर का खिताब
हासिल कर साबित कर दिया कि अपनी मेहनत के बूते अपनी मंजिल पाई जा सकती है. हालांकि
आयुषि मुख्यमंत्री के हाथों इस सम्मान को पाकर खुश जरूर हैं, लेकिन इसे वो अंतिम
पड़ाव नहीं मानती. आयुषि की ख्वाहिश इस खुले आसमान में अपनी उड़ान और ऊंची करने की
है, ताकि उनकी परवाज को और पहचान मिल सके. वो अपनी पहचान न सिर्फ एक अच्छे एंकर के
तौर पर बनाना चाहती हैं, बल्कि बड़े होकर वो एक बेहतर इंसान के रूप में भी अपनी
पहचान बनाना चाहती हैं. बच्चों के लिए मिसाल बन चुकी आयुषि मैहता को सम्मानित करने
के बाद जब उनसे पूछा गया कि वो एंकरिंग के क्षेत्र में कैसे आईं तो इसका जो जवाब
उन्होंने दिया, आयुषि मैहता ने कहा कि जब वो
बहुत छोटी थी तभी से अपने पिता यश मैहता को रिपोर्टिंग करते देख रही थी. उसी समय
से उसके मन में एंकर बनने का सपना पलने लगा था. और आगे चलकर उसने अपने सपने को
साकार करने में सफलता भी हासिल की |
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