19/08/2013 |
ग्लैमर की पिच पर दाउद की फिक्सिंग |
मैं दाउद बोल रहा हूं ये शब्द किसी के भी होश फाख्ता कर देने के लिए काफी हैं...दाउद इब्राहिम देश के सबसे बडे आतंकी के लिस्ट में शुमार पहले से ही था, लेकिन कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साहसी कदम से आइपीएल मैच में स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा हो गया....ग्लैमर की पिच पर हुई इस फिक्सिंग का ताना-बाना खुद दाउद और उसके खास सिपहसलारों ने बुना था
इस केस में स्पेशल सेल की विशेष रूप से तारीफ करनी होगी, जिसने काफी
कम वक्त लेते हुए तारीख
30 जुलाई को तकरीबन 6000 पन्नों कि फाइनल चार्जशीट दाखिल की, दिल्ली
पुलिस ने इस मामले में 168 गवाह बनाए, इस मामले में क्रिकेटर राहुल द्रविड को भी
सरकारी गवाह के तौर पर शामिल किया गया। साथ ही आरोपी खिलाड़ियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने के अलावा
मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट )जैसे सख्त प्रावधानों के
तहत आरोप लगाए गए..... दाउद ने इस फिक्सिंग के खेल के लिए टीम को को बडे ही सुनियोजित ढंग से
तैयार किया था...जिसकी मॉनिटरिंग खुद दाउद ही कर रहा था, और उसकी टीम में
सट्टेबाजी करने और करवाने के लिए मुख्य रूप से चार सिपहसलार को चुना था चंद्रेश
पटेल ,दीपक ,भूपेन्द्र नागर और सुनील भाटिया .जिसपे निगरानी रखने के लिए दाउद
ने बुकी रमेश ब्यास, टिकूं मंडी उर्फ
अश्वनी अग्रवाल और जावेद चोटानी उर्फ डॉक्टर साहब को लगाया गया था. दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल कि
गई चार्ज शीट के मुताविक उस वक्त हो रहे मैच के दौरान दाउद लगातार उनलोगों से
संपर्क में था .और इन सभी सटोरियों का क्या-क्या रेट होना चाहिए इसे फिक्स करने और
उचित सलाह के लिए दाउद अपने सहयोगी छोटा शकील से भी संपर्क मे था .और इसके साथ-साथ
वो अपने बैकअप प्लान के साथ निजी बुकी सलमान को भी अपने साथ रखा था . इस प्लान को अच्छी तरह से समझने के लिए सबसे पहले उस कॉल डिटेल पर
चर्चा करना जरूरी है . जिसे पिछले कुछ महीनों से स्पेशल सेल रिकार्ड कर रही थी .हलांकी
सेल के अधिकारीयों के अनुसार इस कार्य में सेल के उस कर्मचारी कि बेहद ताऱीफ करनी
होगी जिसने मात्र एक बार आवाज सुनने के बाद हि कह दिया था कि ये दाउद कि आवाज है
,हमें इस मामले पर कार्य करना चाहिए .और गृह विभाग से औपचारिक तौर पर इसकी अनुमति मिलने के बाद
मिशन की शुरूआत कर दी गई। 26
मार्च 2012 को हुई दाउद और उसके गुर्गों के बातचीत के कुछ विशेष अंश इस
प्रकार से हैं . दाउद : सलाम वालेकुम अन्य : वालेकुम सलाम भाई दाउद :अस्पष्ट आवाज .. अन्य:भाई सात मिलियन का ऑफर दे रहे हैं दाउद : आठ से कम नही लेना अन्य : नही ना ? आठ से बिल्कुल कम नही दाउद : हां आठ से कम नहीं अन्य : ठीक है दाउद :आठ बोलकर छोड़ दे अन्य : एक मिनट है ना चौटानी से बात करना ,सलाम वालेकुम दाउद : वालेकुम सलाम सेठ क्या हाल है चौटानी : सर , दो कार्टून ले लिया है और (अस्पष्ट ) मैं जाउंगा तो
उधर होगें तो एक-दो और ले लूंगा दाउद : ठीक है मेहरबानी यार ,बहुत थैंक्यू चौटानी : पक्की बात है दाउद : 100 परसेंट चौटानी : ओके सर , अपने मिनिस्टर साहेब से पूछ लीजिएगा दाउद : मिनिस्टर साहेब के मुंह लगेगा तो तेरी ....(अपशब्द ) चौटानी :अच्छा ,मुंह लगने जैसा नहीं है दाउद : मुंह मगने जैसा नही है? रात को
बात करा देता हूं .... .इस ऑपरेशन को अमलीजामा पहनाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान
एसीपी मनिषी चंद्रा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर कैलाश विष्ट को जाता है .जिसने अपने
जांबाज जवानो के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया . एसीपी मनीषी चंद्रा और इंस्पेक्टर
कैलाश विष्ट काफी तेज-तर्रार औऱ अपने टीम भावना के साथ काम करने वाले माने जाते
हैं . इस ऑपरेशन में दिवंगत इंस्पेक्टर ब्रदीश द्त के महत्वपुर्ण कार्य को भी भुलाया
नही जा सकता है और इसके साथ ही सब इंस्पेक्टर प्रमोद ,सुरेन्द्र नेगी ,विरेन्द्र
नेगी ,राहुल सिंह ,आलोक ,बलवंत राणा के महत्वपुर्ण कार्य को भी भुलाया नही जा सकता
है . इस टीम में ये हेड कॉन्स्टेबल बलवंत राणा वही जावांज सिपाही है जिसने बाटला
हाउस इन्काउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के साथ बहादुरी से लडते हुए जख्मी
हो गया था .स्पेशल सेल के इन बहादुर जावांज जवानों ने हि देश में हो रहे एक सट्टेबाजी के धंधे का खुलासा किया .इस खुलासे में
श्रीसंत,अजीत चंदेला ,अकित चौहान ,बाबू राव यादव जैसे जाने-माने खिलाडियों के नाम बाहर आया . चार्जशीट के दाखिल करने के बाद दिल्ली पुलिस ने भी राहत कि सांस लि है
और स्पेशल सेल के अधिकारीयों के मुताविक
ये कहा जा सकता है कि जल्द हि और देश में हो रहे कई और बडे मामलों का खुलासा किया
जाएगा शंकर आन्नद की रिपोट |
Click here for more interviews |
Back |