:
दिल्ली हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश राजस्थान उत्तराखण्ड महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुजरात नेशनल छत्तीसगढ उत्तर प्रदेश
ताज़ा खबर
स्कूली बच्चें बने सड़क सुरक्षा के प्रहरी - अमित गुलिया   |  रेलवे महिला कल्‍याण संगठन द्वारा स्कूलों में आयोजित किया गया वार्षिक समारोह   |  पूर्वी दिल्ली के प्रतिभा स्कूल को मिलेगी नयी सुविधाएं- महापौर   |  सनशाईन पब्लिक स्कूल का वर्ष 2014-15 का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित    |  यूजीसी को भंग करने का कोई ऐसा निर्णय नहीं   |  सिरसा: स्कूल में दिलाई कन्या भ्रूण हत्या न करने की शपथ   |  सिरसा :जगन्नाथ जैन पब्लिक स्कूल में हुआ सेमिनार का आयोजन   |  अल्‍पसंख्‍यक शिक्षा योजना में अल्‍पसंख्‍यकों की शिक्षा का बढेता स्तर   |  राष्ट्रीय सिंधी भाषा संवर्धन परिषद (एनसीपीएसएल) की बैठक   |  ऑक्सफोर्ड सीनियर सैकेंडरी स्कूल में हुई फेयरवैल पार्टी    |  
 
11/11/2013  
लाल पर भारी नीला निशान
 

नोटा (नन ऑफ द अबव) के गुलाबी बटन के साथ छत्तीसगढ़ का पहले चरण का विधानसभा चुनाव इतिहास में दर्ज हो गया। माओवादियों की धमकी के बावजूद करीब 67 फीसदी मतदान के साथ बस्तर की बारह और राजनांदगांव की छह सीटों में उम्मीदवारों का भाग्य इवीएम में कैद हो गया। हालांकि नक्सलियों ने भी पूर्व घोषित मंशा के साथ लोकतंत्र के पर्व में खलल डालने की भरपूर कोशिश की।

लेकिन पुलिस और अर्ध्यसैनिक बलों की सतर्कता ने किसी भी अप्रिय घटना को टाल दिया। हालांकि माड़-पखांजूर में प्रेशर बम फटने से बीएसएफ और दंतेवाड़ा में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड में केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं कटेकल्याण के नयानार में हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक हेडकांस्टेबल शहीद हो गया।
पूरे प्रदेश में भले ही 67 फीसदी मतदान हुआ हो, लेकिन धुर माओवाद प्रभावित विधानसभा सीट बीजापुर में केवल 24 और कोंटा में 40 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने बस्तर की 12 और राजनांदगांव की छह सीटों में से एक मोहला मानपुर में सुबह 7 से अपरान्ह तीन बजे तक मतदान का समय निर्धारित किया था। वहीं राजनांदगांव की शेष पांच सीटों पर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ। नक्सलियों के डर से सुकमा जिले के किसटाराम और गोलापल्ली स्थित दो मतदान केंद्र में एक भी मतदाता वोट डालने नहीं पहुंचा। वहीं इसी जिले की कोंटा विधानसभा सीट के बोरसी में बनाए गए पांच मतदान केंद्रों में भी मतदान नहीं हुआ। अब सुरक्षाबलों और सरकारी अफसरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती वोटिंग मशीनों को सुरक्षित मतगणना केंद्रों तक पहुंचाना है।
नक्सल खौफ के चलते 12 मतदान केंद्रों पर मतदान ही नहीं हुआ। अंतागढ़ के कोयलीबेड़ा के चार मतदान केंद्रों पर मतदान दल नहीं पंहुच पाए। इसके कारण चुनाव आयोग ने आनन-फानन में जहां दो बूथों दुर्गापुर और सीतापुर में मतदान रद्द कर दिया। वहीं पानीडोबिर के दो मतदान केंद्रों को गुडाबेड़ा में स्थानांतरित किया गया। बस्तर और राजनांदगांव से लगी हुई मध्यप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश की सीमाएं पहले से ही सील कर दी गई थीं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पहली बार एयर एबुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी। जिसे जगदलपुर में रखा गया था। पुलिस मुख्यालय ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, इंडियन रिजर्व फोर्स, आईटीबीपी समेत अर्धसैनिक बलों की 751 कंपनियों के अलग-अलग दल बनाकर उन्हें जीपीएस से लैस किया गया था।
विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे चुके माओवादियों ने सबसे पहले पंखाजूर में पोलिंग पार्टी पर फायरिंग कर अपना विरोध जताया। वहीं बीजापुर के मनकेली, दंतेवाडा और कटेकल्याण के तुमखपाल मतदान केंद्रों पर भी नक्सलियों ने फायरिंग कर दहशत फैलाने की कोशिश की। मोहला मानपुर विधानसभा इलाके के बंदोरी, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में भी पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है।
उधर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और जिला बल (डीएफ) के संयुक्त दल ने कांकेर के कोयलीबेड़ा में दो जिंदा बम और 200 मीटर तार भी जब्त कर बड़ी घटना को टाला। सीआरपीएफ ने दंतेवाड़ा के मंगनार इलाके में 10 बम बरामद किए। राजनांदगांव के औंधी से दस किलोमीटर अंदर भी पुलिस ने चार बम बरामद किए।
चुनाव का बहिष्कार करने के लिए नक्सलियों ने राजनांदगांव के मानपुर-औंधी मार्ग पर मिले पर्चे फेंककर दहशत फैलाने की भी कोशिश की। दंडाकारण्य जोनल कमेटी के नाम से फेंके गए पर्चों में चुनाव को सरकारी धोखा बताया गया था।
बस्तर रेंज के आईजी अरुणदेव गौतम ने बताया कि बहादुर जनता और जवानों ने मिलकर मतदान को निर्विघ्न संपन्न करवाया है।
कोंटा विधानसभा सीट में भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हुई आपसी झड़प ने भी माहौल खराब किया। जगदलपुर विधानसभा सीट पर भी दोनों राजनीतिक दलों के बीच हुई मारपीट में कांग्रेस प्रत्याशी सामू कश्यप और कांग्रेस नेता रेखचंद जैन गंभीर रूप से घायल हो गए।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी जगतप्रकाश नड्डा ने कहा कि माओवादियों की धमकी और बहिष्कार के बावजूद महिलाओं और बुजुर्गों ने मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। इस बड़ी संख्या में हुए मतदान को हम रमन लहर की वजह मान रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष तथा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक राजेन्द्र तिवारी ने मतदान के बाद कहा कि मतदान के दौरान कांग्रेस के पक्ष में जबरदस्त वातावरण दिखाई दिया।
छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील कुजूर का कहना है कि कुछ पोलिंग बूथों पर पुर्नमतदान की जरूरत पड़ेगी। इस पर फैसला प्रोसिडिंग ऑफिसर की डायरी पढ़ने, पर्यवेक्षक व रिटर्निंग ऑफिसर की रिपोर्ट देखने के बाद तय किया जाएगा।
बहरहाल, महिलाओं और युवा मतदाताओं ने घरों से बाहर निकलकर मतदान में अहम भूमिका निभाई है। नक्सलियों के खौफ के बाद भी हुआ 67 फीसदी मतदान बताता है कि बस्तर में बैलेट आज भी बंदूक पर भारी है।


लेखक, कृष्ण कुमार सिंह, 4 रियल न्यूज में पत्रकार हैं

Click here for more interviews 
Back