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31/12/2013  
पूर्व आईपीएस डा . एन दलिप कुमार जैसे अधिकारी होने चाहिए दिल्ली में
 

किसी समय सोने की कि चिड़िया कहाये जाने वाले भारत देश में किसी ने कल्पना भी नही कि होगी कि 21वी सदी में पैर रखते ही भ्रष्टाचार और रिश्वत खोरी इतनी बढ़ जायेगी कि आम आदमी का जीना भी मुश्किल होगा।

सरकारी विभागों कि तरफ नजर दौड़ाईजाये तो शायद ही ऐसा कोई विभाग होगा जो रिश्वत खोरी और भृष्टाचार से अछूता होगा।लोग इस भृष्टाचार से इतने परेशान हो गये कि दिल्ली कि राजनीति में ऐसा बदलाव आयाजो इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गया। भ्रष्टाचारके खिलाफ आवाज उठाने वाले अरविन्द केजरीवाल कि राजनितिक पार्टी "आम आदमी पार्टी " को सत्ता में खड़ा किया।ऐसे में अब सब कि नजर दिल्ली केनए बनेमुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल पर है कि दिल्ली कोभृष्टाचार से मुक्त करने के लिए द्वारा क्या प्रयास किये जायेंगे।चाहे इस से पहले राजनितिक पार्टियों द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए सैकड़ों वादे तो किये पर अगर आंकड़ों पर नजर मारी जाये तो वर्ष 2012 मेंरिश्वत खोरी के सिर्फ 21 मामले ही दर्ज हुए है जबकि 2013 में मात्र 23 मामले।ब्यूरोक्रेट्स पर सियासी दबाव कि जीता जागता उदहारण तब देखने को मिला कि इन मामलो को भी मीडिया में उजागर नहीं होने दिया।हम येही नहीं कहना चाहते कि हमेशा ही राजनितिक दबाव अफसर शाही पर हावी रहा है। एक दौर ऐसा भी आया जबरिश्वतखोरी पर नकेल कसने किऐसी आंधी चली की भ्रष्टअफसरों ने मानो दांतो तले ऊँगली दबा ली हो. वर्ष 2007सितम्बर से 2009 मार्चतक भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के चीफ रहे पूर्व आई पी एस अधिकारी डॉ.एन. दलीप कुमार ने वो काम कर दिखाया जो इस शाखा ने पिछले 50 वर्षों के इतिहास में भी नहीं हुआ होगा।डॉ एन. दलीप कि अध्यक्षता में भ्रष्टाचार के ताबड़तोड़ मामले दर्ज किये गये। एक के बाद एकभ्रष्टाचारियों कि पूरी चेन तक उनका हाथ पहुचने लगा। चपरासी से लेकर अधिकारी तक उनकी चपेट में आये जो शाखा पहले सिपाहीऔर चपड़ासी को पकड़ती थी अब उनके हाथ आयुक्त और उपायुक्त तक पहुँचने लगे और सलाखो कि हवा भी खिलवाई गयी। इसका पूरा प्रचार भी हुआ रिश्वत खोरी और भ्रष्टाचार से तंग लोगों कि शिकायतों में भी इजाफा होने लगा। लेकिन शाखा कि आंच जब आई ए एस अधिकारियों तक पहुँचने लगी तो उन पर लगाम लगा दी गयी। किसी भी मामले को मीडिया के सामने लाने पर पाबन्दी लगा दी गयी। कारवां थमा नही फिर भी लोगों द्वारा मोबाइल से स्टिंग ऑपरेशन करके भ्रष्टारियों पर लगाम लगाने कि कोशिश कि गयी। आखिर डॉ एन. दलीप कुमार के तबादले के फरमान जरी कर दिए गये। हालाँकि डॉ एन दलीप कुमार को पदउनत्ती कर दिल्लीविजिलेंस में उच्च पद पर तैनात कर दिया गयापर उनके द्वारा भ्रष्टाचारी के खिलाफ कसी लगाम को एक बार फिर ढीला कर दिया गया। ऐसे में लोग उस ईमानदार अधिकारी को क्यूँ ना याद करें।

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