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27/01/2014  
गेस्ट टीचरों ने सोमवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया।
 

दिल्ली सचिवालय के सामने पिछले करीब दो सप्ताह से आंदोलनरत गेस्ट टीचरों ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया। ऑल गेस्ट टीचर एसोसियसन के अध्यक्ष प्रवीण तोबडिया,

नितिन मेहता, सुरेश कुमार मिश्रा,रणजीत सिंह और सुश्री किरण सिंह आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। सोमवार को सचिवालय के सामने सुबह से ही हजारों की तादाद में गेस्ट टीचर एकत्र होना शुरू हो गये थे। प्रवीण तोबडिया ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा गेस्ट टीचरों की सभी मांगे पूरी तरह उचित और न्यायसंगत हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में हजारों गेस्ट टीचर मामूली वेतन पर दिहाड़ी मजदूर की तरह कार्य करने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने ठेके पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जिस कमेटी का गठन किया है वह एक धोखा है। मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल अगर गेस्ट टीचरों की मांगों के साथ सहानुभूति रखते होते तो उन्होंने अभी तक गेस्ट टीचरों का वेतन बढ़ाने की घोषणा कर दी होती लेकिन वे पूरी तरह अनदेखी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक दिन भी हजारों गेस्ट टीचरों के धरने पर आने की जरूरत महसूस नहीं की है, इससे स्पष्ट है कि वे तानाशाह की तरह कार्य कर रहे हैं।
आमरण अनशन पर जुटे गेस्ट टीचरों ने एक आवाज में कहा  िकवे कुर्बानी के लिए तैयार हैं और अब अन्याय सहन नहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री बनने से पहले तक श्री अरविंद केजरीवाल ठेका प्रथा समाप्त करने की कसमें खाते थे। आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि ठेके पर काम कर रहे सभी गेस्ट टीचरों को स्थायी किया जाएगा, लेकिन अब वे बात करने से भी जरूरत महसूस नहीं कर रहे हैं।

गेस्ट टीचरों का कहना है कि स्थायी नियुक्ति देने की प्रक्रिया पूरी होने तक गेस्ट टीचरों को एकमुश्त फिक्स वेतन दिया जाना चाहिए। फिलहाल गेस्ट टीचरों को मामूली वेतन दिया जा रहा है। अन्याय की हद ये है कि रविवार और सरकारी अवकाशों का पैसा भी वेतन से काट लिया जाता है। गेस्ट टीचरो को हर महीने तय किये गये वेतन का करीब आधा वेतन ही मिलता है। क्योंकि सरकारी अवकाश को भुगतान नहीं किया जाता है। जबकि दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में कार्यरत कॉट्रेक्ट टीचरों को बिना अवकाश का पैसा काटे एकमुश्त वेतन दिया जाता है।

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