02/09/2014 |
अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास स्वर्ण जयन्ति समारोह |
अणुव्रत अनुषास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास का स्वर्ण जयन्ति समारोह आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि भारत के पूर्व राश्ट्रपति डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम थे, भारत के 108 विद्यालयों के लगभग 15000 बच्चों को संबोधित करते हुए
विश्व प्रसिद्ध
दार्षनिक मनीशी आचार्य श्री महाश्रमण जी ने कहा कि भारत में पुनः विष्व का ज्ञान
गुरु बनने की क्षमता है जिसमें मुख्यतः योगभूत होगी युवा एवं किशोर पीढ़ी। इस हेतु
हमारी नई पीढ़ी में इक्यू, आई क्यू के साथ एसक्यू अर्थात संवेदनात्मक विकास
(स्प्रीच्यूअल क्यूसेंट) का विकास भी बहुत महत्वपूर्ण है जो चारित्रक दृढ़ता से
संभव है। नशा नाश का द्वार है। नषे की गिरफ्त से अनेक देषों का पतन हो रहा है। आवश्यक है कि हमारी युवा एवं
बाल पीढ़ी नषामुक्त रहे । बच्चों में सहनुषक्ति का विकास हो जीवन का लक्ष्य महान
बनाये। आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा 15000 विद्यार्थियों ने एक साथ नषामुक्ति रहने का
संकल्प लिया। ग्रेट विजनरी
मिसाइल मेन भारत के पूर्व राश्ट्रपति डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का हजारों
विद्यार्थियों ने हर्शोल्लास से स्वागत किया। डाॅ. कलाम ने विद्यार्थियों को
प्रेरणा देते हुए कहा कि आप महान हिन्दुस्तान की महान सन्तान है। आप अपने अन्दर की
षक्ति को पहचानों उसको बढ़ाये और षक्ति का सलक्ष्य सही दिषा में उपयोग करें।
आचार्य श्री महाश्रमण जी महान सन्त है जो समग्र मानवता का पथ प्रदर्शन कर रहे है।
उनके द्वारा प्रदत्त नषामुक्ति का संकल्प विद्यार्थियों के जीवन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। अणुव्रत न्यास
देष के चारित्रिक निर्माण हमें अहम भूमिका निभा रहा है। अणुव्रत न्यास के
प्रबंध न्यासी श्री संपत जी नाहटा प्रवास समिति के अध्यक्ष श्री के.एल. जैन पटावरी
न्यास के संयुक्त प्रबंध न्यासी श्री सुशील जी जैन एवं कर्यक्रम संयोजक श्री बजरंग
बोथरा ने डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का सम्मान किया। मंत्री मुनि
सुमेरमल जी स्वामी ने विद्यार्थियों को सर्वागीण व्यक्तित्व विकास की प्रेरणा दी।
साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा जी ने विद्यार्थियों को सफलता के सूत्र बताये। कार्यक्रम
के विशेष अतिथि महेष षर्मा जी ने आचार्यश्री महाश्रमण द्वारा प्रदत्त भारत विकास
के पंचसूत्रीय कार्यक्रम भौतिक विकास एवं चारित्रिक विकास को खुले दिल से सराहते
हुए सबको इसमें सलंग्न होने की प्रेरणा दी। प्रेक्षा प्रषिक्षक रमेष काण्डपाल ने
विद्यार्थियों को संकल्प षक्ति के प्रयोग करवाये। कार्यक्रम का कुषल संचालन मुनि
दिनेश कुमार जी एवं प्रमोद घोड़ावत ने किया। |
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