14/09/2014 |
क्या मोदी सबसे बड़ी छलांग लगाने को तैयार है ?. |
समाजवाद की गरीबी से पूंजीवाद की अमीरी बेहतर हे. 125 साल की इस जड़ विचारधारा से चीन कोई 20 साल जूझता रहा. एक तरफ विचारधारा का सवाल था और दूसरी तरफ गरीबी से लगातार हारते जाने का. चीन दोराहे पर खड़ा था. दिसम्बर 1978 में चीन की वामपंथी सरकार ने विचारधारा को पीछे छोड़ते हुए तय किया की धन ही जीवन है. धन है तो गरीबी से निपटा जा सकता है. ऐतिहासिक 11वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में चीन के नेता डेंग शीयाओ पिंग ने फैसला किया कि खेत खलिहान से आगे बढकर देश को उद्योग की तरफ ले जाना होगा. बटन, रिबन से लेकर हलके इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट को लेकर डेंग चीन के ग्रामीण अंचलों की तरफ बढ़ गये. खेतों के साथ साथ किसानो को छोटी छोटी फैक्टरीयों को कामयाब करने का जिम्मा दिया गया. चीन एक बड़ी औद्योगिक क्रांति को अपनी धरती पर उतार लाया था. डेंग अपने देश के लिए सबसे बड़ी छलांग लगा चुके थे जिसे इतिहास ने The Great Leap Forward का नाम दिया. दस साल में यानी 1978 से 1988 के भीतर चीन पूरी तरह से बदल चुका था. |
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