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18/09/2014  
केजरीवाल दिल्ली की जनता को जवाब दें कि सरकार के 49 दिन अनुसूचित जाति के पैसे के गबन के मामले की फाइल क्यों दबाई? - भाजपा
 

नई दिल्ली, 18 सितम्बर। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय एवं सांसद डाॅ. उदित राज ने कहा है कि कांग्रेस व आम आदमी पार्टी दोनों में भ्रष्टाचारी तालमेल है और यही विगत 25 दिसंबर को इन दोनों पार्टियों में हुये गठबंधन का आधार था। समय समय पर ऐसे समाचार आते रहे कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के पुत्र और सांसद

 श्री संदीप दीक्षित के आम आदमी पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। डाॅ. उदित राज ने कहा कि देश में कांग्रेस और अब आम आदमी पार्टी दलितों का मसीहा बनने का दावा करती रही हैं पर इस प्राकरण ने दलित समाज के सामने इन दोनों को बेनकाब कर दिया है।  श्री सतीश उपाध्याय ने कहा आज हमारे समक्ष काॅमनवेल्थ गेम्स की तैयारी के दौरान अनुसूचित जाति विकास फंड के दुरूपयोग और फिर उसकी फाइल के दिल्ली सरकार से गायब हो जाने एवं इस सब पर श्री अरविंद केजरीवाल सरकार की चुप्पी स्पष्टता दर्शाता है कि श्रीमती दीक्षित और श्री केजरीवाल के बीच सांठगांठ थी।

भाजपा नेताओं ने कहा है कि काॅमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों के दौरान 2010 की शुरूआत में तत्कालीन दिल्ली की कांग्रेस सरकार द्वारा अनुसूचित जाति विकास फंड का पैसा काॅमनवेल्थ गेम्स पर खर्च दिये जाने का मामला सामने आया था, पर तब कांग्रेस की दिल्ली एवं केन्द्र दोनों की सरकारों की मिलीभगत से यह पैसे का दुरूपयोग दब गया और आजतक देश और दिल्ली के जनता विशेषकर अनुसूचित जाति के लोगों को यह भी पता नहीं लगा कि वह पैसा खर्च कहां हुआ और क्या उसकी वापसी गेम्स के बाद अनुसूचित जाति फंड में आई। यहां यह सर्वविदित है कि दिल्ली में विगत चार-पांच वर्ष से अनुसूचित अथवा पिछड़ी जातियों के कल्याण के कार्य पैसे की कमी के कारण बाधित हैं। 

उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने शासनकाल में लगातार कहते रहे कि जब भी हमारे सामने श्रीमती शीला दीक्षित सरकार के भ्रष्टाचार को कोई ठोस मामला सामने आयेगा तो हम उन पर तुरंत कार्यवाही करेंगे, पर उनकी कथनी और करनी में हमेशा से फर्क था और आज हम दिल्ली की जनता के समक्ष श्री केजरीवाल और श्रीमती दीक्षित सरकार के बीच सांठगांठ का सबूत रख रहे हैं। श्री केजरीवाल 25 दिसंबर, 2013 को सत्ता में आये और 30 दिसंबर, 2013 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सचिव ने दिल्ली सरकार से एससी/एसटी फंड घोटाले पर रिपोर्ट मांगी। इस आशय के पत्र में स्पष्ट कहा गया कि गृह मंत्रालय और केन्द्रीय समाज कल्याण मंत्रालय दोनों लगातार तीन वर्ष से संबंधित फाइलें मांग रहे हैं पर तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। 

श्री केजरीवाल जो बार बार श्रीमती शीला दीक्षित सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्यवाही की बात करते थे, 30 दिसंबर के बाद 45 दिन तक सत्ता में रहे और दिल्ली के अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण के पैसे के दुरूपयोग और गबन के इस व्यापक भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे बैठे रहे। श्री केजरीवाल यदि चाहते तो अकेला यह मामला श्रीमती शीला दीक्षित और उनके मंत्रीमंडल पर भ्रष्टाचार का मुकदमा स्थापित करने के लिये काफी था। 
जारी..






2.

श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग की यह जिम्मेदारी है कि विगत 21 अगस्त को केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव को इस संदर्भ में भेजे गये पत्र के जवाब में अब दिल्ली प्रशासन स्पष्ट बताये कि इस फंड की फाइल कहां है और यह पैसा दिल्ली में कहां विकास पर लगा, क्या दिल्ली सरकार ने गेम्स के बाद उपयोग किया पैसा अनुसूचित जाति कल्याण फंड में वापस किया? उपराज्यपाल एवं दिल्ली प्रशासन केन्द्र सरकार एवं दिल्ली की जनता को यह भी बताये कि अपने 49 दिनों के शासन में श्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस फाइल को केन्द्र सरकार के सुपुर्द क्यों नहीं किया?

श्री उपाध्याय ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही इस संदर्भ में केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से मिलेगा और मांग करेगा कि पैसे के इस दुरूपयोग गबन और उस पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सरकारों की चुप्पी के कारणों की सीबीआई जांच कराई जाये। 

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