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26/09/2014  
राष्ट्रवादी शिवसेना ने की मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) को खत्म करने की मांग।
 

भारतीय बाजारों में लगातार बढ़ते कालाबाजारियों के शिकंजे के लिए राष्ट्रवादी शिवसेना ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि. (एमसीएक्स) को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है। संगठन का मानना है की एमसीएक्स के कारण उत्पाद सीधे तौर पर बाजार में ना आकर एमसीएक्स के जरिए ही इसके दाम आसमान को छूने लगते है। संगठन ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्दीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर तत्काल ही एमसीएक्स को खत्म करने की मांग की है।

संगठन द्वारा जारी प्रैस वक्तव्य में संगठन अध्यक्ष श्री जय भगवान गोयल ने कहा कि एमसीएक्स अप्रत्यक्ष तौर पर बडें कारोबारियों और पूजी के खिलाडियों को लाभ पहुचाने वाला एक संगठन है जिसमें छोटे उत्पादक व लघुउद्यमियों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होने कहा कि यह एक ऐसा एक्सचेंज बन चुका है जिसमें उत्पाद कही भी नजर नहीं आता, कागजो पर ही हो रहे लेन देन के कारण कीमतों में उतार चढ़ाव इस कदर आते हैं कि पूरे बाजार की ही हालत खराब हो जाती है और उसका सारा खामियाजा जनता को भुगतना पड़़ता है। यहॉ तक की इसकी वजह से कई लोग दिवालिया हो चुके है और कईयों ने तो आत्महत्या तक भी कर ली है।


श्री गोयल ने कहा कि एमसीएक्स पूरे भारत में कामोडिटी वायदा व्यापार के लिए ऑनलाईन ट्रेडिग, क्लियरिंग एवं निपटान परिचालन की सुविधा मुहैया कराती है जिसके व्यापार करने वाले 2 हजार से अधिक पंजीकृत सदस्य है और यही लोग पूरे देश के बाजार को नियंत्रित करते है। उन्होने कहा कि एक तरफ तो सरकार बाजार में पैठ बना चुके कालाबाजारियों को समाप्त कर उत्पादकों व उपभोक्ताओं को सीधा फायदा पहुचानें की पक्षधर है वहीं दूसरी ओर ऐसे पुंजीपति बाजार में दामों को अपनी मनमर्जी से चलाकर सरकारी नीतियों को धता बताने में लगे हुए है। यही कारण है कि छोटे उत्पादकों व किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत नहीं मिल पाती जबकि उपभोक्ताओं को वही चीज कई गुना ज्यादा कीमत पर उपलब्ध हो रही है।

सरकार से मांग करते हुए श्री गोयल ने कहा कि छोटे उत्पादकों व किसानों एवं उपभोक्ताओं के बीच की खाई को पाटने के लिए कालाबाजारियों का अड्डा बन चुके एमसीएक्स को तत्काल रद्द किया जाए।

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