12/10/2014 |
विशाखापट्टनम के उत्तर में हुदहुद चक्रवात का प्रकोप |
बहुत खतरनाक हुदहुद चक्रवाती तूफान विशाखापट्टनम और भीमिलीपट्टनम के मध्य और विशाखापट्टनम के उत्तर में आईएनएस कलिंग के पास भारत के पूर्वी तट को लगभग 11.30 बजे पार कर गया। यह चक्रवात 180 किलोमीटर प्रति घंटे वाली हवा की गति के साथ लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से आगे बढ़ गया है। जैसे ही तूफान इस क्षेत्र के ऊपर से गुजर गया हवाओं की गति काफी धीमी हो गई। हालांकि अगले 24 घंटों में बारिश जारी रहने की संभावना है। पूर्वी नौसेना कमान को प्रभावित व्यक्तियों के बचाव और राहत में हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए चौकस कर दिया गया था। चक्रवात से निपटने की तैयारियों में जहाज, विमान और गोताखोरों की टीमों को तैयार करना शामिल हैं। भारतीय नौसेना के जहाज रंजीत, शिवालिक, शक्ति और आर्यावर्त राहत समग्री और 5000 कर्मियों के साथ तैयार खड़े हैं। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर चार और जहाजों को बचाव कार्यों के लिए तुरंत नौवहन हेतु तैयार रखा गया है। 2 डॉर्नियर विमान और 6 हेलीकॉप्टर भी तैनाती के लिए तैयार खड़े है। लम्बी रेंज के समुद्री टोही विमान (पी-81) को भी मदद के लिए तैयार रखा गया है। बचाव और राहत कार्यों के लिए विशाखापट्टनम और उसके आस-पास नौसेना गोताखोरों की टीमें तैनात की गई हैं। श्रीकाकुलम और विजाग के आस-पास 14 गोताखोर टीमें तैयार करने के साथ-साथ 30 अतिरिक्त टीमें भी जरूरत पड़ने पर तैनाती के लिए तैयार हैं। 250 एनडीआरएफ और 300 सेना के जवान विशाखापट्टनम और उसके आस-पास तैनात किये गये हैं। अच्युतापुरम, पलासा और इचेरला में सेना की टुकड़ियां भी तैनात की गई हैं। विशाखापट्टनम के नौसेना बेस में तूफान के कारण लगभग 30-40 प्रतिशत पेड़ उखड़ गये हैं और डोल्फिन हिल पर नौसेना प्रतिष्ठानों को भी कुछ नुकसान पहुंचा है। |
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