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14/10/2014  
बैंकों द्वारा ऋण देने में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर और कॉर्पोरेट सेक्टर के बीच भेद भाव को ख़त्म करने की मांग
 

18 दिसंबर को नई दिल्ली में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर की विशाल रैली देश में पहली बार सम्पूर्ण नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर आगामी 18 दिसम्बर को नई दिल्ली में होने वाली एक विशाल रैली में एक साथ बैंकों द्वारा ऋण देने एवं नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज़ बुलंद करता हुआ दिखाई देगा !

 यह निर्णय आज नई दिल्ली में एक्शन कमेटी फॉर फॉर्मल फाइनेंस फॉर नॉन कॉर्पोरेट स्माल बिज़नेस द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया ! एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने कहा की देश की अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा योगदान देने के बावजूद भी नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर की अब तक उपेक्षा ही की गयी है जबकि देश की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी बनाने के लिए इस सेक्टर की ऋण आवश्यकताओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए था छोटा व्यापार ही वास्तव में बड़ा व्यापार हैए इसलिए नीति निर्माण की मुख्य धारा में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर को भी शामिल किया जाए की मांग को लेकर रैली आयोजित की गयी है !
 
सम्मेलन में पारित एक सर्वसम्मत प्रस्ताव में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली का आभार व्यक्त किया क्योंकि पहली बार किसी सरकार ने इस सेक्टर की जरूरतों को समझते हुए इस वर्ष के बजट में इस सेक्टर के लिए एक वित्तीय ढांचा बनाने की घोषणा की है और इसी घोषणा के अनुरूप हाल ही में वित्त मंत्रालय ने आई सी आई सी आई बैंक के श्री केण् वीण् कामथ की अध्यक्षता में एक समीति गठित की है।

देश का नॉन कॉर्पोरेट छोटे व्यापार का सेक्टर लगभग 49 करोड़ लोगों को रोज़गार देता है जो देश के कुल रोज़गार का 90 प्रतिशत है ! देश की जीडीपी में 45 प्रतिशत का योगदान जो कॉर्पोरेट सेक्टर के योगदान से तिगुना हैए में केवल 4 प्रतिशत हिस्से को ही बैंकों से क़र्ज़ मिल पाया है जबकि दूसरी ओर कॉर्पोरेट सेक्टर जिसे बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश ओर बैंकों इस असंख्य रूप से क़र्ज़ मिला वह  गत 20 वर्षों में कुल 22 लाख लोगों को ही रोजगार दे पाया ओर जी डी पी में अपने हिस्से में केवल मात्र ३ प्रतिशत की ही वृद्धि कर पाया! ! वर्ष 1991 से वर्ष 2011 के 20 वर्षों के दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर को 317 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ जिसमें से 176 बिलियन डॉलर स्टॉक मार्किट में और 141 बिलियन डॉलर विदेशी निवेश के रूप में आया ! यह आंकड़े खुद बताते हैं की पिछली सरकारों ने किस तरह केवल कॉर्पोरेट सेक्टर पर ही ध्यान दिया और अपनी नीतियां उन्ही के अनुरूप बनाई !

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बीण् सीण् भरतिया एवं आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वैलफेयर एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रदीप सिंघल ने कहा की हम कारपोरेट सेक्टर के खिलाफ कतई नहीं है लेकिन  नॉन कारपोरेट सेक्टर की महत्वता को भी स्वीकार करते हुए बराबरी के अवसर देने चाहिए।

एक्शन कमेटी में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्सए आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेसए आल इंडिया कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ गुड्स व्हीकल ओनर्स एसोसिएशनए आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशनए फेडरेशन ऑफ़ इंडियन स्माल एंड माइक्रो इंटरप्राइजेजए भारतीय किसान मोर्चाए  नेशनल हॉकर्स फेडरेशन सहित अन्य अनेक संगठन शामिल हुए हैं ! लगभग 6 करोड़ व्यापारिक प्रतिष्ठानए 1 ण्25 करोड़ ट्रांसपोर्टर्सए 4 करोड़ हॉकर्स स्वरूरोज़गार करने वाले लोगोंए उद्यमीए महिला उद्यमियों आदि का प्रतिनिधित्व करती है !
सम्मलेन में व्यापारीए ट्रांसपोर्टए ट्रक ऑपरेटरए लघु उधमी आदि संगठनो के राष्ट्रीय सगंठनों  के 500 से अधिक प्रतिनिधि ने सम्मलेन में भाग लिया।

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