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26/10/2014  
स्वच्छता एवं शौचालय पर शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में 6 फरवरी को
 

स्वच्छता और शौचालय विषय पर एक दिवसीय शिखर सम्मेलन नई दिल्ली के पीएचडी चैम्बर आडिटोरियम में 6 फरवरी 2015 को होने जा रहा है। सबके लिए स्वच्छता-शौचालय पहले विषय पर केंद्रित इस सम्मेलन का आयोजन इंडियासीएसआर द्वारा किया जा रहा है।

यहां पर विचारक, विशेषज्ञ, शोधकर्ता, बायो टायलेट (हरित शौचालय) निर्माता तथा स्वच्छता के लिए काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि अपने विचार व्यक्त तथा कार्यों की रूप रेखा प्रस्तुत करेंगे।

सम्मेलन में शौचालय निर्माण एवं सामुदायिक स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिए व्यक्ति एवं संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान से प्रेरित है। इंडियासीएसआर एक स्वतंत्र संस्था है जो कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व विषय पर विगत 5 वर्षों से ज्ञान को साझा करने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही है।

इंडियासीएसआर के संस्थापक रूसेन कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए उद्बोधन में स्वच्छता प्रसंग को प्राथमिकता दी गई थी तथा गांधी जयंती 2 अक्टूबर के अवसर स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया गया था। इनदोनों ही बातों ने सरकार, सरकारी संस्थाओं, गैर-सरकारी संस्थाओं कारपोरेट को स्वच्छता के लिए मुहिम चलाने तथा शौचालय निर्माण करने के लिए प्रेरित किया है। 

प्रधानमंत्री के उद्बोधन के एक सप्ताह के भीतर हमने फैसला कर 20 अगस्त को  इंडियासीएसआर द्वारा इस विषय पर एक शिखर सम्मेलन देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित करनी की घोषणा की। इस आयोजन के माध्यम से सरकार, गैर-सरकारी संगठन, कारपोरेट, विद्वानों, तकनीकी विशेषज्ञों, शोधकार्ताओं, शौचालय तकनीकी निर्माता, शौचालय निर्माण के लि उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को एक साझा मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है ताकि इस विषय पर गहन चिंतन-मनन हो सकें और देश हित में स्वच्छता के इस महा-अभियान को उसके मुख्य उद्देश्य तक पहुंचाकर सार्थक किया जा सके।

इस तरह के आयोजन के महत्व पर जोर डालते हुए रूसेन कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के लिए अगले 5 वर्षों में 2 लाख करोड़ खर्च करने की योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत जागरुकता बढ़ाने तथा 11 करोड़ शोचालय बनाने का लक्ष्य है। इसके अलावा विभिन्न सरकारी तथा निजी क्षेत्र कंपनियों ने इस अभियान में योगदान करने के लिए लगभग 1000 करोड़ रूपए की स्वच्छता व शौचायल निर्माण परियोजनाअों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस वृहद देशव्यापी परियोजना को सही दिशा देने तथा ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए इस विषय से जुड़ी सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय, व्यवहारिक पहलुअों पर विशेष रूप से राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होना जरूरी है। इस चर्चा से आने वाले निष्कर्षों से स्वच्छ भारत अभियान को सफलता की अोर जाने में मदद मिलेगा। 

उल्लेखनीय है कि आज भी हमारे देश में आधी से अधिक आबादी को शौचालय तथा स्वच्छ पेय जल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। स्वच्छता वातावरण अौर शौचालय नहीं होने के कारण महिलाअों के अधिकार तथा स्वतंत्रता गंभीर रूप से प्रभावित होता आ रहा है जो कि राष्ट्रीय स्तर पर एक चिंतन का विषय है। सामाजिक शोधकर्ताओं का मानना है कि हाल के दिनों में महिलाअों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार तथा बालिकाअों द्वारा स्कूल नहीं जाना व पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो जाना कहीं न कहीं शौचालय एवं स्वच्छता विषय से जुड़ा हुआ है। यह भी मानना है कि अस्वच्छ वातावरण के कारण बच्चों तथा महिलाअों में संक्रमण वाली बीमारियां होने तथा कुपोषण का खतरा बढ़ता है।

इस समस्याअों के मद्देनजर ही खुले में शौच के चलन को समाप्त करने सार्वजनिक स्थलों, विद्यालयों तथा प्रत्येक घरों में शौचालयों का निर्माण तथा उसका उपयोग व उनकी नियमित सफाई आवश्यक है।

रूसेन कुमार संस्था इंडियासीएसआर को एक सामाजिक उद्यम के तौर पर संचालित करते हैं तथा ज्ञान आधारित समाज निर्माण के मुहिम के हिस्से के रूप में इस तरह आयोजन करते रहते हैं। इंडियासीएसआर द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर 12 से अधिक सम्मेलन आयोजित गया है।

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