07/11/2014 |
बनारस की विरासत को भारत से बाहर विश्व में भी जाना जाता है- मोदी |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी के परंपरागत वस्त्र उद्योग के पुनर्गठन के माध्यम से इस ऐतिहासिक नगरी को वैश्विक मानचित्र में फिर स्थापित करने पर विशेष योग जोर दिया। प्रधानमंत्री ने वाराणसी में व्यापार सुविधा केन्द्र तथा शिल्प संग्रहालय की आधारशिला रखने तथा पावरलूम
सेवा केन्द्र का
उद्घाटन करने
के बाद कहा कि
केंद्र सरकार
वैज्ञानिक
दृष्टिकोण एवं
उचित
प्रौद्योगिकी
के साथ वस्त्र
क्षेत्र में
नई जान फूंकने
का प्रयास कर रही
है। उन्होंने
कहा कि यह
केंद्र जिसे
वाराणसी में
परिकल्पित
किया गया था,
इस क्षेत्र के
लिए व्यापक
दृष्टिकोण
की शुरुआत है।
उन्होंने
कहा कि यह
केंद्र
वाराणसी की
विरासत को एक
स्थान पर संजोए
रखेगा।
प्रधानमंत्री
ने कहा कि
ग्राहकों की
बदलती मांग
तथा आवश्यकता
को समझकर नये
उत्पाद उनकी
संतुष्टि के
अनुसार ही बनाने
की आवश्यकता
है जिससे कि
ग्राहक बने
रहे। प्रधानमंत्री
वाराणसी में
दो दिन के
दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री
ने कहा कि
भारत के प्रत्येक
परिवार में
महिलाओं ने
बनारसी
साड़ी के बारे
में सुना है।
हरेक माता
अपनी लड़की को
उसकी शादी में
बनारसी साड़ी बतौर
गिफ्ट देना
चाहती रही हैं।
उन्होंने
कहा कि यह
वाराणसी के
लिए करोड़ों
साड़ियों के
आश्वस्त
बाजार को
दर्शाता है।
इस मांग को
पूरा करने के
लिए अब ग्राहक
को आधुनिक
डिजाइन, उत्पादों
तथा सेवा के
द्वारा
संतुष्ट
करने की आवश्यकता
है। यह महसूस
करते हुए कि
कृषि के बाद
वस्त्र
क्षेत्र ही रोजगार
के अधिकतम अवसर
प्रदान करता
है, प्रधानमंत्री
ने कहा कि वस्त्रों
के कारीगर
कपड़ों की
बुनाई ही नहीं
करते, बल्कि अपने
कार्य स्थल पर
सौहार्दपूर्ण
वातावरण को
बनाए रखते हुए
से वे समाज को
जोड़ने एवं
सुसंगत समाज
का ताना-बाना भी
बुनते हैं।
उन्होंने
कहा कि यह
गंगा जमुनी
तहजीब बनारस
की विरासत रही
है जो भारत की
भी विरासत है। प्रधानमंत्री
ने एक किस्से
का बखान किया
कि उन्होंने
कैसे बोस्टन,
अमेरिका में बनारस
स्ट्रीट को
देखा। उन्होंने
कहा कि यह वह
गली थी जहां
गुरु रहा
करते थे।
इसमें और
जोड़ते हुए
कहा कि सारा
विश्व बनारस
की विरासत को
जानता है। उन्होंने
नगर के लोगों
को अब ई-कॉमर्स
का उपयोग करने
तथा वैश्विक
बाजार का
कुशलतापूर्वक
उपयोग करने के
लिए प्रेरित
किया। उन्होंने
बनारस को
आधुनिक,
सक्रिय,
गतिशील तथा
अग्रणी बनाने
के लिए लोगों
से आग्रह
किया। प्रधानमंत्री
ने कहा कि वे
बनारस में
बड़े-बड़े वादे
करने के लिए
नहीं आए हैं
और उनके कार्य
ही इस बारे
में बोलेंगे। उन्होंने
केंद्र सरकार
के निर्णय, जिला
सहकारी
बैंकों के लिए
2375 करोड़ रुपए
के पुनर्गठन
पैकेज की भी घोषणा
की। इन बैंकों
में से 16
पूर्वी उत्तर
प्रदेश में हैं।
इससे निम्न
और मध्य
श्रेणी को
सहजता से ऋण
मिलेगा तथा
हथकरघा और
पावरलूम
क्षेत्र के पुनर्गठन
में सहायता
मिलेगी। प्रधानमंत्री
ने प्रदर्शनी
का भी दौरा
किया जिसमें
बनारस के
परंपरागत
शिल्प तथा
कलाओं को
दर्शाया गया
था। उत्तर
प्रदेश के
राज्यपाल
श्री राम नाइक
तथा केंद्रीय
वस्त्र राज्य
मंत्री (स्वतंत्र
प्रभार) श्री
संतोष कुमार
गंगवार भी इस
अवसर पर उपस्थित
थे। प्रधानमंत्री
ने उत्तर
प्रदेश सरकार
के मंत्री
श्री अहमद हसन
को इस अवसर पर
उपस्थित
रहने के लिए खासतौर
पर धन्यवाद
दिया। |
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