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09/11/2014  
जैन साध्वी युगल निधि-कृपा ने दिखाया नेत्रहीनों को ज्ञान का मार्ग
 

जैन कांफ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा साउथ दिल्ली के अध्यक्ष श्री सुभाश ओसवाल जैन के संयोजन में साध्वी युगल निधि-कृपा श्री जी की स्वर्ण जयंती के तहत भगवान महावीर साहित्य का अपूर्व लोकार्पण समारोह आचार्य सम्राट शिवमुनि जी महाराज के सान्निध्य में बालयोगी सभागार, संसद भवन प्रांगण में सानन्द सम्पन्न हुआ।

साध्वी श्री निधि-कृपा जी के सत्यप्रयास से उनके साहित्य द्वारा ब्रेल लिपि में भगवान महावीर दर्शन का लोकार्पण लोकसभा की स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन एवं सांसद श्री लालकुश्ण आडवानी के कर कमलो से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता सांसद श्री दिलीप गांधी ने की देशभर के अंधविद्यालयों से प्रेशित नेत्रहीनों द्वारा अहिंसा, अनेकता में एकता व कर्म संदेश के सामूहिक जयनाद से सभागार गूंज उठा।

इस अवसर पर समारोह गौरव लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भगवान महावीर संदेश का ब्रेल लिपि में लोकार्पण करते हुए कहा कि उन्होंने भगवान महावीर का अहिंसा, अनेकांत व कर्म का संदेश न केवल विश्व शांति को स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि नेत्रहीनों द्वारा उसका व्याख्यान एक अपूर्व संयोग है। उन्होंने साध्वी श्री को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जेल और ब्रेल में विचार सेवा देकर इन्होने जो विश्व की सेवा की है वह सराहनीय है। उन्होंने आचार्य सम्राट शिवमुनि जी महाराज, गुरूवर्या उर्मिला जी महाराज व साध्वी श्री निधि-कृपा जी को लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा प्रांगण में आगमन की बधाई दी।  

लोकप्रिय सांसद श्री लाल कुष्ण आडवानी ने इस बात पर जोर दिया कि साध्वी श्री का नेत्रहीनों के माध्यम से विष्व शांति का संदेश समस्त विश्व को एक नई दिशा दिखयेगा। उनकी लेखनी में मानो कलयुग का सतयुग में बदलने की ताकत है। 

समारोह के मुकुट मणि आचार्य सम्राट शिवमुनि जी महाराज ने साध्वी युगल निधि-कृपा श्री को श्रमण संघ का गौरव बताते हुए कहा कि इनकी लेखनी दोहरा कार्य करती है। जो इनके साहित्य का स्वाध्याय करता है वह ध्यान की ओर प्रेरित होता है और ध्यान करने वाले को ध्यान में स्थिर करता है।

इस अवसर पर आचार्य सम्राट शिवमुनि जी महाराज ने सुप्रसिद्ध समाज सेवी जैन कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष व समारोह के संयोजक श्री सुभाश ओसवाल जैन को उनकी उल्लेखनियों समाजसेवाओं के लिए समाज रत्न उपाधि से अलंकृत किया। आदर की चादर से श्रीमती सुमित्रा महाजन अध्यक्ष व श्री लाल कृष्ण आडवानी ने माला पहनाकर उनका सम्मान किया। साध्वी युगल निधि-कृपा जी को आचार्य सम्राट ने ज्ञान ज्योति की उपाधि से अलंकृत किया गया। 

समारोह के अध्यक्ष सांसद दिलीप गांधी ने साध्वी श्री की स्वर्णिम जयंती को ब्रेल पुस्तको के थाल में सजाकर संसद भवन में लोकार्पण समारोह आयोजित करने पर मुख्य संयोजक सुभाश ओसवाल को हार्दिक बधाई। 

आचार्य डा. लोकेश मुनि ने नेत्रहीनों द्वारा भगवान महावीर दर्षन के समूहिक जयनाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि भगवान महावीर के दर्शन और उपदेश का सार्वभौमिक सत्य आधुनिक विष्व के लिए भी उपयोगी है। उनकी शिक्षाओं में पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का हृास, युद्ध ओर आतंक के जरिए हिंसा, धार्मिक असहिश्णुता तथा गरीबों के आर्थिक शोषण जैसी समसामयिक समस्याओं के समाधान पाए जा सकते हैं।

गुरूवर्या उर्मिला जी महाराज ने कहा कि जैन जगत के मान सरोवर में निधि-कृपा श्री रूपी दो हंस ऐसे हैं जो सदा निवाणी के जल में तरंगित रहकर एक दिन सिद्धालय के मोती को पायेंगे ऐसा मेरा दृढ़ विष्वास है। 

पूज्य साध्वी श्री के स्वर्णायु वर्श पर समर्पित मृदु-प्रदीप जैन एवं नंदिता-सुशील जैन द्वारा लिखित बायोग्रफी जियो बरस लिखें बरस आडियो - विडियो प्रेजेन्टेशन के साथ समर्पित की गई। तत्पष्चात साध्वी युगल निधि-कृपा श्री ने उपने उद्बोधन में कहा कि शुभकामना की इस तरंग को हम सम्पूर्ण विष्व में प्रसारित करना चाहते हैं। अतः उन्होंने देश की सवा सौ करोड़ जनता को आह्वान किया तथा भारत सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा कि मॉरल साइंस को वर्तमान शिक्षा प्रणाली में ऐच्छिक नहीं अनिवार्य किया जाए। 

श्रीमती किरण बेदी ने इस अवसर पर कहा कि विष्व षांति, अहिंसा व सद्भावना के संदेश को नेत्रहीनों द्वारा प्रसारित कर साध्वी श्री ने समाज को एक नई दिशा दिखाई है।  उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का साहित्य अब जेल तक भी पंहुच पायेगा यह प्रषंसनीय कदम है।

केन्द्रीय मंत्री श्री कृष्णपाल गुज्जर, लोकसभा सांसद प्रवेश सहिब सिंह वर्मा, लोकसभा सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे, पंजाब केसरी की चेयरपर्सन किरण चोपड़ा, सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता के.सी बोकाड़िया, सुप्रसिद्ध अभीनेत्री जया प्रदा, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जी.एस. सिंगवी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् व विचारक प्रो. नलिन के. शास्त्री, विश्वमंडल जैन कांफ्रेंस के अध्यक्ष केसरमल बुरड, श्रावक समिति के राश्ट्रीय अध्यक्ष सुमतिलाल कर्नावट, पंजाब केसरी के निदेशक स्वदेश भुषण जैन, जैन कांफ्रेंस राष्ट्रीय महिलाध्यक्षा रेणु-डिपिन जैन, जैन महासंघ के अध्यक्ष एस.पी. जैन ने सुभाश ओसवाल को लोकार्पण समारोह के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि समय आ गया है कि हम भगवान महावीर के संदेशों और उपदेशों को आज की समस्याओं का समाधान ढूंढने के अपने प्रयासों में सबसे आगे रखें। 

कार्यक्रम के मुख्य संयोजन श्री सुभाश ओसवाल ने कहा कि जिनषासन का ऐसा अभूतपूर्व कार्यक्रम आयोजित करने का उन्हें अवसर मिला यह उनका परम सौभाग्य है। साधु संतो की अपार कृपा एवं आशिर्वाद उनपर सदा रहा है। उन्होंने साध्वी श्री की स्वर्ण जयंती पर उनके विज़न एवं मिशन के प्रति अपना समर्पण एवं अभिनन्दन व्यक्त किया। उन्होने सभी सहयोगी साथी एवं संस्थाओं का धन्यवाद व्यक्त किया।

समारोह में कश्मिर से कन्या कुमारी से पधारे वरिश्ठ महानुभवों, प्रबुद्ध दार्शनिक, गरिमा सम्पन्न राजनेता एवं समस्त श्रद्धालुगणों ने भाग लिया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में महेश- संगिता जैन, विनय जैन कागजी, कमल ओसवाल जैन, जयेश-निखिल जैन, अतुल जैन, रमेश जैन, संदीप जैन (मिक्की), आदेश जैन, प्रकाश नाहर अपना योगदान दिया। 

साध्वी श्री निधि-कृपा जी के सत्यप्रयास से उनके साहित्य द्वारा ब्रेल लिपि में भगवान महावीर दर्शन का लोकार्पण लोकसभा की स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन एवं सांसद श्री लालकुश्ण आडवानी के कर कमलो से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता सांसद श्री दिलीप गांधी ने की देशभर के अंधविद्यालयों से प्रेशित नेत्रहीनों द्वारा अहिंसा, अनेकता में एकता व कर्म संदेश के सामूहिक जयनाद से सभागार गूंज उठा।

इस अवसर पर समारोह गौरव लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भगवान महावीर संदेश का ब्रेल लिपि में लोकार्पण करते हुए कहा कि उन्होंने भगवान महावीर का अहिंसा, अनेकांत व कर्म का संदेश न केवल विष्व षांति को स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि नेत्रहीनों द्वारा उसका व्याख्यान एक अपूर्व संयोग है। उन्होंने साध्वी श्री को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जेल और ब्रेल में विचार सेवा देकर इन्होने जो विश्व की सेवा की है वह सराहनीय है। उन्होंने आचार्य सम्राट शिवमुनि जी महाराज, गुरूवर्या उर्मिला जी महाराज व साध्वी श्री निधि-कृपा जी को लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा प्रांगण में आगमन की बधाई दी।  

लोकप्रिय सांसद श्री लाल कुष्ण आडवानी ने इस बात पर जोर दिया कि साध्वी श्री का नेत्रहीनों के माध्यम से विष्व शांति का संदेश समस्त विश्व को एक नई दिशा दिखयेगा। उनकी लेखनी में मानो कलयुग का सतयुग में बदलने की ताकत है। 

समारोह के मुकुट मणि आचार्य सम्राट शिवमुनि जी महाराज ने साध्वी युगल निधि-कृपा श्री को श्रमण संघ का गौरव बताते हुए कहा कि इनकी लेखनी दोहरा कार्य करती है। जो इनके साहित्य का स्वाध्याय करता है वह ध्यान की ओर प्रेरित होता है और ध्यान करने वाले को ध्यान में स्थिर करता है।

इस अवसर पर आचार्य सम्राट शिवमुनि जी महाराज ने सुप्रसिद्ध समाज सेवी जैन कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष व समारोह के संयोजक श्री सुभाश ओसवाल जैन को उनकी उल्लेखनियों समाजसेवाओं के लिए समाज रत्न उपाधि से अलंकृत किया। आदर की चादर से श्रीमती सुमित्रा महाजन अध्यक्ष व श्री लाल कृष्ण आडवानी ने माला पहनाकर उनका सम्मान किया। साध्वी युगल निधि-कृपा जी को आचार्य सम्राट ने ज्ञान ज्योति की उपाधि से अलंकृत किया गया। 

समारोह के अध्यक्ष सांसद दिलीप गांधी ने साध्वी श्री की स्वर्णिम जयंती को ब्रेल पुस्तको के थाल में सजाकर संसद भवन में लोकार्पण समारोह आयोजित करने पर मुख्य संयोजक सुभाश ओसवाल को हार्दिक बधाई। 

आचार्य डा. लोकेश मुनि ने नेत्रहीनों द्वारा भगवान महावीर दर्षन के समूहिक जयनाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि भगवान महावीर के दर्शन और उपदेश का सार्वभौमिक सत्य आधुनिक विष्व के लिए भी उपयोगी है। उनकी शिक्षाओं में पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का हृास, युद्ध ओर आतंक के जरिए हिंसा, धार्मिक असहिश्णुता तथा गरीबों के आर्थिक शोषण जैसी समसामयिक समस्याओं के समाधान पाए जा सकते हैं।

गुरूवर्या उर्मिला जी महाराज ने कहा कि जैन जगत के मान सरोवर में निधि-कृपा श्री रूपी दो हंस ऐसे हैं जो सदा निवाणी के जल में तरंगित रहकर एक दिन सिद्धालय के मोती को पायेंगे ऐसा मेरा दृढ़ विष्वास है। 

पूज्य साध्वी श्री के स्वर्णायु वर्श पर समर्पित मृदु-प्रदीप जैन एवं नंदिता-सुशील जैन द्वारा लिखित बायोग्रफी जियो बरस लिखें बरस आडियो - विडियो प्रेजेन्टेशन के साथ समर्पित की गई। तत्पष्चात साध्वी युगल निधि-कृपा श्री ने उपने उद्बोधन में कहा कि शुभकामना की इस तरंग को हम सम्पूर्ण विष्व में प्रसारित करना चाहते हैं। अतः उन्होंने देश की सवा सौ करोड़ जनता को आह्वान किया तथा भारत सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा कि मॉरल साइंस को वर्तमान शिक्षा प्रणाली में ऐच्छिक नहीं अनिवार्य किया जाए। 

श्रीमती किरण बेदी ने इस अवसर पर कहा कि विश्व शांति, अहिंसा व सद्भावना के संदेश को नेत्रहीनों द्वारा प्रसारित कर साध्वी श्री ने समाज को एक नई दिशा दिखाई है।  उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का साहित्य अब जेल तक भी पंहुच पायेगा यह प्रशंसनीय कदम है।

केन्द्रीय मंत्री श्री कृष्णपाल गुज्जर, लोकसभा सांसद प्रवेश सहिब सिंह वर्मा, लोकसभा सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे, पंजाब केसरी की चेयरपर्सन किरण चोपड़ा, सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता के.सी बोकाड़िया, सुप्रसिद्ध अभीनेत्री जया प्रदा, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जी.एस. सिंगवी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् व विचारक प्रो. नलिन के. शास्त्री, विश्वमंडल जैन कांफ्रेंस के अध्यक्ष केसरमल बुरड, श्रावक समिति के राश्ट्रीय अध्यक्ष सुमतिलाल कर्नावट, पंजाब केसरी के निदेशक स्वदेश भुषण जैन, जैन कांफ्रेंस राष्ट्रीय महिलाध्यक्षा रेणु-डिपिन जैन, जैन महासंघ के अध्यक्ष एस.पी. जैन ने सुभाश ओसवाल को लोकार्पण समारोह के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि समय आ गया है कि हम भगवान महावीर के संदेशों और उपदेशों को आज की समस्याओं का समाधान ढूंढने के अपने प्रयासों में सबसे आगे रखें। 

कार्यक्रम के मुख्य संयोजन श्री सुभाश ओसवाल ने कहा कि जिनशासन का ऐसा अभूतपूर्व कार्यक्रम आयोजित करने का उन्हें अवसर मिला यह उनका परम सौभाग्य है। साधु संतो की अपार कृपा एवं आशिर्वाद उनपर सदा रहा है। उन्होंने साध्वी श्री की स्वर्ण जयंती पर उनके विज़न एवं मिशन के प्रति अपना समर्पण एवं अभिनन्दन व्यक्त किया। उन्होने सभी सहयोगी साथी एवं संस्थाओं का धन्यवाद व्यक्त किया।

समारोह में कश्मिर से कन्या कुमारी से पधारे वरिश्ठ महानुभवों, प्रबुद्ध दार्शनिक, गरिमा सम्पन्न राजनेता एवं समस्त श्रद्धालुगणों ने भाग लिया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में महेश- संगिता जैन, विनय जैन कागजी, कमल ओसवाल जैन, जयेश-निखिल जैन, अतुल जैन, रमेश जैन, संदीप जैन मिक्की, आदेश जैन, प्रकाश नाहर अपना योगदान दिया। 

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