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24/11/2014  
हिमाचल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जे.पी. यूनिवर्सिटी के मेधावी विद्याथियों को नवाज़ा
 

राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह, जो जे.पी. सूचना एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय वाकनाघाट, जिला सोलन की कुलाधिपति भी है, ने आज विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह समारोह के मुख्य अतिथि थे। राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मेधावी छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर, पीएचडी तथा प्रमाण पत्र व स्वर्ण पदक प्रदान किये।

इस अवसर पर श्रीमती उर्मिला सिंह ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि उन्हें अपनी तकनीकी ज्ञान का उपयोग मानवता की भलाई तथा स्थाई आर्थिक प्रगति के सृजन के लिए करना चाहिए। विद्यार्थियों को अपने ज्ञान का सदुपयोग और विस्तार विभिन्न स्तरों की प्रतिस्पधाओं में करना चाहिए। उन्होंने गरीबी और भूख की समस्याओं को सुलझाने के लिए नये दिशा-निर्देश और तकनीकी समाधान उपलब्ध करवाने के लिए विश्व स्तर की प्रतिस्पर्धा पर बल दिया। उन्होंने सत्त विकास के लिए ऊर्जा कौशल और पर्यावरण के अनुकूल समाधान अपनाने की बात कही।

राज्यपाल ने कहा कि चुनौतियों का सामना करते समय पेशेवरों को अपने आचरण में नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना चाहिए। उनके विकल्प और निणर्यो से दूसरों का जीवन समृद्ध होना चाहिए। एक सच्चे पेशेवर को व्यक्तिगत आकांक्षाआंे से ऊपर उठकर अपने लिए आकर्षक वेतन पैकेज के बजाए राष्ट्र के लिए प्रोस्पेरिटी पैकेज के सृजन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ताकि संपूर्ण राष्ट्र को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि डिग्री हासिल करने का मकसद व्यक्तिगत उपलब्धि तक सीमित होना नहीं है।

श्रीमती सिंह ने विद्यार्थियों से कड़ी मेहनत और रचनात्मक उद्यमिता के साथ देश और राज्य के साधारण और गरीब नागरिकों के जीवन में बदलाव के लिए नवीन सोच के साथ कार्य करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर विद्यार्थियों, स्टाफ और संकाय सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सृजनात्मकता, संगठित और ज्ञान का सदुपयोग किसी भी व्यवसाय में प्रत्येक सफल व्यक्ति के महत्वपूर्ण लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से आ रहे बदलाव में नवीनतम तकीनीकों को अपनी दिनचर्या में अपनाना होगा। वर्तमान परिवेश में ज्ञान का विस्तार तीव्र गति से हो रहा है यह कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है। अधिक जानकरी रखने वाला व्यक्ति ही अधिक बुद्धिमान है।

 

श्री जय प्रकाश गौड़, जिन्होंने अध्ययन के इस संस्थान की स्थापना,  सृजन तथा इसका विस्तार किया और विद्यार्थियों में आत्म विश्वास उत्पन्न करके उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करके समाज में उच्च स्थान हासिल करने के काबिल बनाया, के लिए उनके बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि विश्वविद्यालय बायोटेक और जैव सूचना विभाग अत्यंत सुदृढ़ है और देश के निजी विश्वविद्यालयों में यह बार-बार प्रथम स्थान पर आ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नई तीनकीकों और अविष्कारों के माध्यम से विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान का क्षेत्र हो या फिर इंजिनियरिंग का, सफलता ज्ञान और अपने आपको प्रत्येक क्षेत्र में नवीन तकीनीकों से अद्यतन रखने से हासिल होती है। उन्होंने कहा कि जो तुम्हें आज जानकारी है कल वह अप्रचलित हो जाएगी और जो तुम कल सीखोगो, वह भी तेजी से अप्रचलित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पेशेवर बने रहने के लिए व्यक्ति को कौशल और अध्ययन को अद्यतन बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि अध्ययन को कभी न छोडें, बल्कि अपने कार्यक्षेत्र में ज्ञान का भंडार विकसित करें और आजीवन इसे जारी रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जीवन शैली और जीवन की गुणवत्ता के मामले में आज समाज के विभिन्न वर्गों में न केवल विकसित और विकासशील देशों के बीच असमानता है, अपितु राष्ट्र और राज्यों के बीच भी यह असमानता विद्यमान है और भारत भी इसका अपवाद नहीं हेै। एक तरफ विज्ञान इंजिनियरिंग और प्रौद्योगिकी इन असमानताओं के लिए जिम्मेदार है तो दूसरी तरफ समुचित ज्ञान इस खाई को भर सकता है। विद्यार्थियों का आहवान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, ज्ञान और कौशल का उपयोग करके धरती को स्वर्ग बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि वे हासिल ज्ञान का सदुपयोग समाज की उन्नति विकास और उत्थान के लिए करें।

श्री वीरभद्र सिंह ने शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और उन्हें मैडल और डिग्रियां प्रदान की। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि विद्यार्थी शैक्षणिक गतिविधियों में दक्षता हासिल करके देश का गौरव बढ़ाएंगे।

समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री सज्जन जिंदल और विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष श्री जय प्रकाश गौड़ ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। श्री जिंदल और श्री गौड़ ने अपने प्रेरणात्मक उदबोधन में विद्यार्थियों को देश की ईमानदारी के साथ सेवा करते हुए उस मुकाम को हासिल करने को कहा जहां संपूर्ण विश्व उन्हें आदर और सम्मान की दृष्टि से देखे।

विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर श्री मनोज गौड़ ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया तथा जे.पी. समूह की गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। इससे पूर्व, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने शैक्षिक उपलब्धियों के लिए विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री धनीराम शांडिल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर विद्यार्थियों को 46 स्वर्ण पदकों के अलावा बी.टेक., एम.टेक., एम.फार्मा. में विद्यार्थियों को 1929 डिग्रियां प्रदान की गईं। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. काक ने राज्यपाल और मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।