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01/12/2014  
जीव ही शिव है के लक्ष्य के साथ लोगों की सेवा कीजिए: राष्ट्रपति
 

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज कालाहांडी के रामपुर में श्री रामकृष्ण आश्रम में विवेकानंद स्मारक सभागार का शुभारंभ किया। यह परियोजना स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के अवसर पर दुनिया भर में चलाए जा रहे कार्यक्रमों में से एक है। राष्ट्रपति ने ओडिया भाषा में भारत परिक्रमा - कालाहांडी से कश्मीर और कन्याकुमारी नामक प्रकाशन भी प्राप्त किया। इसे स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के अवसर पर आश्रम ने तैयार किया है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद को श्रृद्धांजलि दी और सर्वाधिक महत्वपूर्ण विचार जीव ही शिव है का उल्लेख किया जो स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण परमहंस ने ग्रहण किया था। इसका मतलब है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में देव होता है। स्वामी विवेकानंद ने सीख दी कि आम आदमी की सेवा यह मानते हुए की जानी चाहिए कि भगवान के अवतार की सेवा की जा रही है। जनजातीय आबादी , खासतौर से बच्चों और युवा वर्ग के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए असंख्य सुविधाओं की स्थापना से स्वामी विवेकानंद जी ने उनके आश्रम को स्वामी जी के विचारों एवं शिक्षाओं के कार्यान्वयन का साधन बनाया।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने संकेत किया था कि देश का भविष्य उसके लोगों और उन्हें मिलने वाली शिक्षा पर निर्भर करता है। ऐसे पिछड़े क्षेत्रों के लोगों को शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए इन परियोजनाओं से स्वामी विवेकानंद जी और उनके आश्रम सहयोगी स्वामी विवेकानंद के स्थापित लक्ष्यों को पूरा कर रहे हैं।

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