:
दिल्ली हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश राजस्थान उत्तराखण्ड महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुजरात नेशनल छत्तीसगढ उत्तर प्रदेश
ताज़ा खबर
स्कूली बच्चें बने सड़क सुरक्षा के प्रहरी - अमित गुलिया   |  रेलवे महिला कल्‍याण संगठन द्वारा स्कूलों में आयोजित किया गया वार्षिक समारोह   |  पूर्वी दिल्ली के प्रतिभा स्कूल को मिलेगी नयी सुविधाएं- महापौर   |  सनशाईन पब्लिक स्कूल का वर्ष 2014-15 का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित    |  यूजीसी को भंग करने का कोई ऐसा निर्णय नहीं   |  सिरसा: स्कूल में दिलाई कन्या भ्रूण हत्या न करने की शपथ   |  सिरसा :जगन्नाथ जैन पब्लिक स्कूल में हुआ सेमिनार का आयोजन   |  अल्‍पसंख्‍यक शिक्षा योजना में अल्‍पसंख्‍यकों की शिक्षा का बढेता स्तर   |  राष्ट्रीय सिंधी भाषा संवर्धन परिषद (एनसीपीएसएल) की बैठक   |  ऑक्सफोर्ड सीनियर सैकेंडरी स्कूल में हुई फेयरवैल पार्टी    |  
 
06/12/2014  
2 अक्तूबर से अब तक लगभग 58 हजार मामलों का निपटारा लोक अदालतों में किया गया।
 

कैथल,राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के निर्देशानुसार स्थानीय न्यायिक परिसर में जिला एवं सत्र न्यायधीश की अध्यक्षता में दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन किया गया, जहां पर 10 बैंच स्थापित की गई थी।

इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन द्वारा भी अदालतों का आयोजन किया गया। गत 2 अक्तूबर से आज तक लगभग 58 हजार मामलों का निपटारा लोक अदालतों में किया गया। इस अदालत के आयोजन का मुख्य लक्ष्य आम जन को जल्दी एवं सुलभ न्याय  के साथ-साथ अदालतों में मुकदमों की बढ रही संख्या को कम करना है। एक तरफ ये लोक अदालतें आपसी समझौते से मुकदमों का निपटारा करके भाई चारे का बढावा देती हैं, वही दूसरी तरफ इन लोक अदालतों से अदालती कार्यवाही में नष्ट होने वाले बहुमूल्य समय तथा धन की भी बचत होती है। लोक अदालतें अपने लक्ष्य को हासिल करने में काफी हद तक सफल हो रही हैं तथा लोगों का विश्वास भी लोक अदालतों में बढ रहा है। यह अभिव्यक्ति जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की प्रधान तथा जिला एवं सत्र न्यायधीश ऋतु टेगोर ने स्थानीय न्यायिक परिसर में दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के दौरान व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में वाहन दुर्घटना, मुआवजा, वैवाहिक, मजदूरी, जमीन अधीग्रहण मुआवजा, किराया, बैंक ऋण, राजस्व, मनरेगा, बाढ़ पीडि़त, बिजली व पानी बिल, बच्चों व पत्नी के लिए भरण-पोषण से संबंधित लंबित विवाद, चैक बाऊंस तथा राजीनामा योग्य फौजदारी के मामले शामिल रहे। प्राधिकरण द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए स्थानीय न्यायिक परिसर में सहयता डैस्क स्थापित किया गया। अब लोक अदालत को एक प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है।

गत 2 अक्तूबर 2014 से 30 नवंबर 2014 तक लोक अदालतों में 20 हजार 592 मामले रखे गए थे, जिनमें 19 हजार 682 मामलों का संबंधित पार्टियों की सहमति से निपटारा किया जा चुका है। इन मामलों में आपराधिक, चैक बांउस, वैवाहिक, भूमि अधिग्रहण मुआवजा, बैंक ऋण,  राजस्व, मनरेगा, पानी व बिजली के बिल ट्रैफिक चालान, वन विभाग तथा रेलवे, स्वच्छता, आदि के मामले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है, जिनकी वार्षिक आय डेढ़ लाख रुपए से कम, पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन जाति, महिलाएं एवं बच्चे, न्यायिक हिरासत, मानसिक रोगी, विकलांग व्यक्ति, औद्योगिक कर्मचारी, देह व्यापार या बेगार से पीडि़त, स्वतंत्रता सेनानी या आश्रित, सामुहिक विनाश जैसे बाढ़, भूकंप पीडि़त इलाके से संबंधित, जनहित याचिका, दंगा पीडि़त या आश्रित, उग्रवाद पीडि़त या आश्रित, वरिष्ठ नागरिक या किन्नर समुदाय से संबंध रखते हों। उन्होंने बताया कि सुलह-समझौते के द्वारा न्यायालय में दायर किए बिना प्रथम स्तर पर भी विवादों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाया जा सकता है। इन स्थाई लोक अदालतों में 25 लाख रुपए तक के मूल्यांकन वाले विवादों का निपटारा किया जाता है तथा इनका आदेश सिविल न्यायालय की डिक्री के रूप में मान्य होता है, जिसकी किसी भी ऊपरी अदालत में अपील नही होती है। प्राधिकरण द्वारा हैल्प लाईन सेवा भी शुरू की गई है। इस हैल्प लाईन सेवा पर किसी भी कार्य दिवस को सुबह 10 से सायं 4 बजे तक अपनी शिकायत या वांछित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस हैल्पलाईन का नंबर 01746-235759 है। इस अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री गगनदीप मितल ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा लोगों को कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देने के लिए समय-समय पर कानूनी साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त लगभग 2500 लीगल क्लीनिक जिला में स्थापित किए गए हैं तथा कालेजों में भी कानूनी केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस मौके पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के जिला समन्यक अरविंद खुरानिया मौजूद रहे।  

कैथल से राजकुमार अग्रवाल की रिपोर्ट

Click here for more interviews 
Back