:
दिल्ली हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश राजस्थान उत्तराखण्ड महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुजरात नेशनल छत्तीसगढ उत्तर प्रदेश
ताज़ा खबर
स्कूली बच्चें बने सड़क सुरक्षा के प्रहरी - अमित गुलिया   |  रेलवे महिला कल्‍याण संगठन द्वारा स्कूलों में आयोजित किया गया वार्षिक समारोह   |  पूर्वी दिल्ली के प्रतिभा स्कूल को मिलेगी नयी सुविधाएं- महापौर   |  सनशाईन पब्लिक स्कूल का वर्ष 2014-15 का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित    |  यूजीसी को भंग करने का कोई ऐसा निर्णय नहीं   |  सिरसा: स्कूल में दिलाई कन्या भ्रूण हत्या न करने की शपथ   |  सिरसा :जगन्नाथ जैन पब्लिक स्कूल में हुआ सेमिनार का आयोजन   |  अल्‍पसंख्‍यक शिक्षा योजना में अल्‍पसंख्‍यकों की शिक्षा का बढेता स्तर   |  राष्ट्रीय सिंधी भाषा संवर्धन परिषद (एनसीपीएसएल) की बैठक   |  ऑक्सफोर्ड सीनियर सैकेंडरी स्कूल में हुई फेयरवैल पार्टी    |  
 
13/12/2014  
मोदी निकालेंगे राम जन्म भूमि समस्या का हल: बीएल शर्मा
 

कट्टर हिन्दू चेहरा माने जाने वाले पूर्व सांसद बीएल शर्मा प्रेम अखंड भारत मोर्चा के संस्थापक हैं और उनका इरादा भारत से अलग हुए समस्त देशों को एक साथ लाने का है। हालांकि उनका यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा लेकिन बीते कई दशकों से वे अखंड भारत मोर्चा का झंडा बुलंद किए हुए हैं।

बीएल शर्मा प्रेम एक तेजतर्रार भाजपा सांसद माने जाते रहे हैं और पहली बार वे सन 1991 में पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से 20 साल से जमे कांग्रेस के दिग्गज एचकेएल को पहली बार करारी शिकस्त दी तो वे रातोंरात चर्चा में आ गए। उसके बाद वे फिर सन 1996 में उसी क्षेत्र से दुबारा सांसद चुने गए लेकिन दो साल के अंदर ही राजनीति में भ्रष्टाचार के कारण उन्हें घुटन महसूस हुई और उन्होंने अचानक सांसदी से इस्तीफा देने की घोषणा कर राजनीति में जबरदस्त भूचाल खड़ा कर दिया था। उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी सहित भाजपा के सभी आला नेता ने उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश की लेकिन बीएल शर्मा अपने फैसले पर अडिग रहे। जब वे सांसद थे तब सन 1992 में अयोध्या में कार सेवा के लिए दिल्ली से हजारों कारसेवकों को लेकर अयोध्या कूच किया था। अयोध्या में विवादित ढांचा टूटने के 22 साल बाद केंद्र में राम मंदिर का मुद्दा उठाने वाली भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है और भाजपा के पूर्ण बहुमत वाली सरकार में यह 6 दिसंबर पहली बार आ रहा है। लिहाजा सबकी निगाहें नरेंद्र मोदी की ओर लगी हुई हैं इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार विभूति कुमार रस्तोगी ने 86 वर्षीय पूर्व सांसद बीएल शर्मा प्रेम से लंबी बातचीत की, पेश है बातचीत के मुख्य अंश।

प्रश्न - राम जन्म भूमि के आंदोलन में आपने काफी अग्रणी भूमिका निभाई और फ्रंट लाइन के नेताओं में शामिल रहे। चूंकि अब भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में है और हिन्दू चेहरा माने जाने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। ऐसे में आपको क्या लगता है कि नरेंद्र मोदी राम जन्म भूमि विवाद का हल निकाल पाएंगे।
उत्तर - देखिए (गंभीर मुद्रा में) अब तो मुस्लिम संगठन भी मान रहे हैं कि वहां पर पहले राम मंदिर था। उनके दस्तावेजों से भी यह पूरी तरह से साफ हो जाता है। मुस्लिमों को चाहिए कि वे हिन्दुओं की भावनाओं का ख्याल रखें और वोट बैंक के लिए किसी और के बहकावे में न आएं। जहां तक इस मुद्दे पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सवाल है तो यह बिलकुल सही है कि जब से रामजन्म भूमि का विवाद या यूं कहें कि जब से भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया है तब से अब तक देश में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार नहीं थी लेकिन इस बार दो अच्छे काम हुए हैं एक यह कि इस बार केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार है और इसी के साथ नरेंद्र मोदी जैसे हिन्दुवादी चेहरा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर है। मुझे आंशिक नहीं पूर उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी के इसी पांच साल के कार्यकाल में ही आयोध्या राम जन्म भूमि विवाद का हल भी निकल जाएगा। मेरे हिसाब से अब वह दिन दूर नहीं है।
प्रश्न - नरेंद्र मोदी ने तो इस बार न तो चुनावी भाषण में राम मंदिर का जिक्र किया और नहीं प्रधानमंत्री बनने के बाद ही भाजपा के मूल मुद्दे श्रीराम जन्म भूमि विवाद को उठाया है। फिर आपको कैसे लगता है कि मोदी ही इस समस्या का हल निकालेंगे। ऐसा तो नहीं कि मोदी और भाजपा ने अब इसे गंभीरता से लेना बंद कर दिया।
उत्तर - नहीं ऐसा मेरे हिसाब से बिलकुल भी नहीं है। न तो भाजपा और न ही मोदी दोनों ने इस मुद्दे को नहीं छोड़ा है। यह सिर्फ आपको लग रहा है। भाजपा समय-समय पर या यूं कहें कि लगातार इस समस्या के बेहतर समाधान भी बात कहती रहती है। जहां तक मोदी कचुनावी भाषण का सवाल है तो मैं यह बता देना चाहता हूं कि दस साल के कांग्रेस के शासन काल में देश में विकास की रफ्तार बिलकुल रुक गई थी युवाओं के पास रोजगार नहीं थे लिहाजा इस चुनाव में विकास का मुद्दा ही हावी रहा। देश में कौन हिन्दू नहीं चाहता कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने। मेरा मानना है कि कुछ मुसलिम संगठन भी अब चाहते हैं कि श्रीराम जन्म भूमि स्थान हिन्दुओं को दे दिया जाए और वहां भव्य राम मंदिर बने। भाजपा के दिल से जुड़ा है श्रीराम जन्म भूमि का मुद्दा। आपको मैं बता दूं भाजपा के दिल में श्रीराम लला और श्रीराम जन्म भूमि है। यह कभी निकलने वाला नहीं है।
प्रश्न - आपने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर सन 1998 में सांसदी ने इस्तीफा दिया था और विश्व हिन्दू परिषद और अपने अखंड भारत मोर्चा में जुट गए थे। फिर बीच बात आई कि आपको उस पर अफसोस हो रहा है। इसमें कितनी सच्चाई है?
उत्तर - देखिए हालांकि इस मुद्दे पर अब मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। हां यह जरूर लगा कि वहां रहकर मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ सकता था और आम लोगों की सेवा और अच्छी तरह से कर सकता था। ऐसा नहीं है कि मुझे कोई अफसोस है। मैं आज भी देश के लिए जीना और देश के लिए मरना चाहता हूं।
प्रश्न - आप सन 2009 में एक फिर उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से आप भाजपा के  टिकट पर चुनाव क्यों लड़ें? इसमें पीछे आपकी क्या मंशा थी? फिर ऐसा क्या हुआ कि आपको सन 2014 में आप चुनाव नहीं लड़े?
उत्तर - आपको मैं एक चीज बता देना चाहता हूं कि मैं पद लोलुप्त बिलकुल भी नहीं था और अब भी नहीं हूं। पार्टी ने मुझे सन 2009 में एक बार फिर आदेश दिया तो मैं एक निष्ठावान कार्यकर्ता की हैसियत से चुनाव लडऩे मैदान में कूद गया। देखिए जीत और हार तो चलती रहती है। सन 2009 में मैं चुनाव हार गया था। जहां तक इस साल के लोकसभा चुनाव न लडऩे का मामला है तो मैं साफ बता देना चाहता हूं कि मैंने खुद पार्टी से चुनाव न लडऩे की इच्छा जाहिर कर चुका था। मेरी उम्र 86 वर्ष है अब युवाओं को आगे आना चाहिए।
प्रश्न - आप अखंड भारत के सबसे बड़े पैरोकार रहें हैं और आपकी दिल की इच्छा है कि भारत से अलग हुए सभी देशों का एक अखंड भारत बनाया जाए। क्या इस वक्त यह संभव है। यह बिलकुल कोरा सपना है।
उत्तर - आपको मैं एक चीज बता दूं कि पाकिस्तान बनाने वाले 93 फीसदी मुसलमान यहीं भारत में रहे हैं। हमें पाक, बांगला देश, अफगानिस्तान, वर्मा आदि भारत के अंग हैं और आज नहीं कल एक सब एक होगा यह मेरा दृढ़ विश्वास है। मैं रहूं या न रहूं अखंड भारत जरूर बनेगा।

Click here for more interviews 
Back