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25/12/2014  
स्कूली बच्चों के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम
 

भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 2013 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन की शुरूआत की थी। इसका मकसद स्कूली बच्चों समेत बच्चों को व्यापक देखभाल करने की सुविधा प्रदान करते हुए उनकी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना था।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत 18 वर्ष तक के बच्चों को जन्म के समय की कमी, रोगों, स्वास्थ्य से संबंधित अन्य कमियों और विकलांगता समेत उनके शारीरिक विकास में देरी के लिए जांच की जाती है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 2013-14 में 7.99 करोड़ बच्चों की जांच की गई और 43.1 लाख बच्चों के आगे इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में भेजा गया। इस वर्ष कुल 1176.37 करोड़ रूपए इस कार्यक्रम के लिए आवंटित किए गए। 

लोकसभा में आज एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि इस कार्यक्रम को भारत सरकार के जवाहर नवोदय विद्यालयों और केन्द्रीय विद्यालयों में भी लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत में बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार 24000 स्कूली बच्चों पर दक्षिण भारत में अध्ययन किया गया। उनमें से 2003 में 4.94 प्रतिशत और 2005 में 6.57 प्रतिशत में मोटापा था।

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