ऐसी
कोई भाषा नहीं है जिसे अल्पसंख्यक भाषा कहा जाए। भारत की जनगणना में
भाषाओं को अनुसूचित और गैर-अनुसूचित भाषाओं की श्रेणियों में वर्गीकृत किया
गया है। देश में 22 अनुसूचित और 100 गैर-अनुसूचित भाषाएं हैं। भारत सरकार
की ''भारत की लुप्तप्राय भाषाओं की सुरक्षा और संरक्षण" नामक योजना है। इस
योजना के अधीन केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल), मैसूर देश में
10,000 से कम लोगों द्वारा बोली जाने वाली सभी मातृभाषाओं और भाषाओं की
सुरक्षा, संरक्षण और प्रलेखन का कार्य करता है।