स्कूली बच्चें बने सड़क सुरक्षा के प्रहरी - अमित गुलिया
कैथल :-
प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण कैथल के सचिव अमित गुलिया ने स्कूली बच्चों का
आह्वान किया कि वे सड़क सुरक्षा के प्रहरी बनकर यातायात के नियमों का
संदेश अपने परिवार और समाज के सदस्यों तक पहुंचाएं, ताकि सड़कों पर होने
वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि आज सड़क दुर्घटनाओं में
मरने वाले लोगों की सं या विभिन्न गंभीर बीमारियों से मरने वाले लोगों से
भी ज्यादा है। अमित गुलिया आज स्थानीय बाल भवन में जिला बाल कल्याण परिषद
तथा प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में सड़क सुरक्षा विषय
पर आयोजित स्कूली बच्चों की चित्रकला, स्लोगन लेखन तथा प्रश्रोत्तरी
प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को पुरस्कार प्रदान करने से पूर्व समारोह में
बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यातायात के नियमों के पालन से न केवल अपनी,
बल्कि दूसरों की जिंदगी भी बचाते हैं। उन्होंने बच्चों को परामर्श दिया कि
वे बिना चालक लाईसैंस के वाहन न चलाएं तथा इस प्रतियोगिता के स्लोगन को
अपनी वास्तविक जिंदगी में अपनाएं। उन्होंने बताया कि 16 वर्ष के बच्चों का
भी लर्नर लाईसैंस बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गाड़ी चलाते समय हमेशा
शीट बैलेट का उपयोग करें तथा दो पहिया वाहन चलाते समय हैल्मेट का उपयोग
अवश्य करें। कभी भी वाहन चलाते समय मोबाईल का उपयोग न करें। कई बार ईयर फोन
लगाने से रेलवे फाटकों पर गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी है, इसलिए ईयर फोन का
कभी भी सड़क पर चलते हुए इस्तेमाल न करें। जिला बाल कल्याण अधिकारी सुशील
पांचाल ने अमित गुलिया का स्वागत करते हुए कहा कि बच्चों को अच्छे संस्कार
देने की जि मेवारी मां-बाप के साथ-साथ अध्यापको की भी है। उन्होंने कहा कि
12 वर्ष की आयु तक बच्चे जो बातें सीखते हैं, उनका प्रभाव आजीवन रहता है।
इसलिए सड़क सुरक्षा का विषय अति महत्वपूर्ण है। यातायात के नियमों की पूरी
जानकारी प्राप्त करके उनका उपयोग सड़कों पर वाहन चलाते समय अवश्य करें।
उन्होंने कहा कि हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं, जिसका
खामियाजा न केवल उनके परिवार को, बल्कि समस्त समाज को भुगतना पड़ता है।
उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विजेता बच्चों को बधाई देते हुए
कहा कि जिन बच्चों को इस प्रतियोगिता में पुरस्कार नही मिले हैं, कम से कम
उनका आत्म विश्वास तो बढ़ा है। इसलिए इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में
बढ़चढ़ कर भाग लें। आज की प्रतियोगिता में जिला के 25 स्कूलों के 200 से
अधिक बच्चों ने भाग लिया। कक्षा छटी से आठवीं तक के चित्रकला प्रतियोगिता
में प्रथम मुस्कान, जाट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैथल, द्वितीय प्रतीक,
ओएसडीएवी पब्लिक स्कूल, तृतीय मुस्कान न्यूटन पब्लिक स्कूल कैथल रही।
सांत्वना पुरस्कार के लिए हैरीटेज इंटरनेशनल स्कूल की मुस्कान यादव तथा
ओएसडीएवी पब्लिक स्कूल कैथल के धु्रव कालड़ा को स मानित किया गया। नौंवी से
दसवीं कक्षा के समूह में स्लोगन लेखन में प्रथम निकिता वर्मा गुरू तेग
बहादुर खालसा पब्लिक स्कूल कैथल, द्वितीय नेहा हैरीटेज इंटरनेशनल कैथल तथा
तृतीय प्रीति जाट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैथल रही। सांत्वना पुरस्कार के
लिए आरकेएसडी पब्लिक स्कूल कैथल की प्रीति, जाट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
की मोनिका को चुना गया। दसवीं से 12वीं तक के समूह में प्रश्रोत्तरी
प्रतियोगिता में प्रथम गर्भित व चंद्र हुड्डा, ओएसडीवी पब्लिक स्कूल कैथल,
द्वितीय कर्मवीर व आशीष टैगोर पब्लिक स्कूल कैथल, तृतीय अंशुल व प्रीति जाट
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैथल रहे। निर्णायक मंडल में जिला सूचना एवं जन
संपर्क अधिकारी रणधीर शर्मा, आईजी कालेज की प्राध्यापिका आरती गर्ग, आईटीआई
कैथल के अनुदेशक सत्यवान तथा, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुशील पांचाल रहे।