29/09/2012 |
34वां अखिल भारतीय जन सम्पर्क सम्मेलन आरम्भ |
34वां अखिल भारतीय जन सम्पर्क सम्मेलन आज शिमला में आरम्भ हुआ। इस सम्मेलन का विषय ?काम्युनिकेशन स्ट्रेटेजीज फार ट्रैवल एण्ड टुरिजम? है। भारत में मारिशस के उच्चायुक्त एरे जुग्गेशवर उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि थे। अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय मित्तल ने समारोह की अध्यक्षता की। एरे जुग्गेशवर ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों से आयोजन से दो देशों के मध्य रिश्ते प्रगाढ़ बनते हैं। भारत तथा मारिशस के मध्य सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संबंध हैं। उन्होंने कहा कि पब्लिक रिलेशनस सोसायटी आफ इण्डिया के इस दिशा में किए जा रहे सतत् प्रयास सराहनीय हैं तथा देश भर में गत 50 वर्षों से आयोजित किए जा रहे सम्मेलन एवं अभियान के माध्यम से जन सम्पर्क को एक साझा मंच प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीआरएसआई मीडिया की पारदर्शिता को बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभा रही है तथा नैतिक मूल्यों को बनाए रखकर संस्था एवं उसके उपभोक्ताओं के मध्य समन्वय स्थापित कर रही है। सम्मेलन के विषय के संबंध में उन्होंने कहा कि विश्व भर की संस्थाएं अपनी छवि बनाने के लिए ट्रैवल एण्ड टूरिज+म का उपयोग कर रही है। टैवल एण्ड टूरिजम विश्व के बड़े आर्थिक क्षेत्रों में से एक है। मारिशस में पर्यटन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि मारिशस अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यटक स्थल है और देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 8.4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मारिशस में पर्यटन क्षेत्र के सतत् विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता, सुरक्षित वातावरण, सुदृढ़ सामाजिक ताना-बाना तथा आतिथ्य प्रेमी लोग उत्तरदायी हैं। ऐरे ने कहा कि मारिशस सरकार ने आने वाले वर्षों में भारत को मुख्य बाजार के रूप में लक्षित किया है और पर्यटन प्रोत्साहन के लिए धनराशि आवंटित की है। भारत में पर्यटन मुख्य सेवा उद्योग बनकर उभरा है और मारिशस भारत के साथ पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय मित्तल ने इस अवसर पर कहा कि जन सम्पर्क द्वि-मार्गी यातायात की तरह है और यह संचार का प्रमुख साधन है। जन संचार के माध्यम से प्राप्त फीडबैक द्वारा बेहतर नीतियां एवं कार्यक्रम बनाने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के समय में जन सम्पर्क की जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। संस्था को न केवल अपने उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करना होता है बल्कि अपने कार्य को बेहतर व्यावसायिक तरीके से निभाना भी होता है। उन्होंने बेहतर संचार नेटवर्क, बेहतर संपर्क, संसाधन, पर्यटकों के विषय में लेागों के नजरिये में बदलाव, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार और संस्कृति एवं आतिथ्य के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र को आगे ले जाने पर बल देते हुए कहा कि पर्यटन के माध्यम से प्रदेश की आर्थिकी में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है। मित्तल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के भोले-भाले लोग अपने आतिथ्य सत्कार के लिए जाने जाते हैं और इसी के कारण आज हिमाचल प्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल बनकर उभरा है। प्रदेश को पर्यटन प्रोत्साहन के लिए ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से दो दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए हर गांव की कहानी, हर घर कुछ कहता है जैसी नवीन योजनाएं आरम्भ की गई हैं, जिनके माध्यम से लोगों को प्रदेश की संस्कृति एवं परम्परा की जानकारी मिलती है। मित्तल ने शिमला पीआरएसआई चैप्टर के अध्यक्ष श्री बी.डी. शर्मा द्वारा इस सम्मेलन को व्यावसायिक दक्षता के साथ आयोजित करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने निकट भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के और सम्मेलन आयोजित करने पर बल दिया। उन्होंने आशा जताई कि सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श के माध्यम से महत्वपूर्ण सुझाव मिलेंगे जो पर्यटन गतिविधियों को विशेष प्रोत्साहन देने में सहायक सिद्ध होंगे। उत्तरी क्षेत्र के उपाध्यक्ष वी.पी. शर्मा ने कहा कि जन सम्पर्क व्यवसाय विश्व के सभी व्यवसायों में उत्तम है और जन सम्पर्क के माध्यम से त्वरित परिणाम निकलते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र न केवल शांति के अवसर उपलब्ध करवाता है बल्कि इसके माध्यम से रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व की कुल जनसंख्या का 11 प्रतिशत तथा भारत की कुल जनसंख्या का 6.5 प्रतिशत पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत है। बी.डी. शर्मा को अहमदाबाद पीआरएसआई चैप्टर के श्री एन.एल. नरसिम्हा के साथ पीआरएसआई सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष का पुरस्कार प्रदान किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अजय मित्तल ने यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर जन सम्पर्क व्यवसाय की अन्य श्रेणियों के लिए भी पुरस्कार प्रदान किए गए। ऐरे ने इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन भी किया।पीआरएसआई शिमला चैप्टर के उपाध्यक्ष विजय वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। |
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