05/09/2014 | |
मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को संबोधित किया | |
‘यस्य देवे परा भक्तिर्यथा देवे तथा गुरौ’ : किसी शिक्षक के प्रति श्रद्धा ठीक वैसी ही होनी चाहिए जैसी भगवान के प्रति होती है। शिक्षकों में गहरे विश्वास का पहली बार उल्लेख हजारों साल पहले ‘श्वेताशवतार उपनिषद’ में हुआ था।
| |
Click here for more interviews | |
Back |