06/10/2014 |
शादियों के बचे है बहुत कम दिन, तीन माह में सिर्फ चार दिन बजेगी शहनाई |
त्योहारों के माह अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर को शादी सीजन माना जाता है, लेकिन इस बार सीजन के बीच करीब दो माह तारा डूबने के कारण शुभ कार्यों के योग नहीं बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार वर्ष 2014 के 93 दिन शेष हैं, इनमें सिर्फ चार दिन ही शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों के योग बन रहे हैं। यानी इस बार शहनाई की गूंज बहुत कम सुनाई देगी। कम मुहूर्त होने का असर अभी से दिखाई देने लगा है। इसी वर्ष शादी करने का मन बना चुके युवक-युवतियों के परिवार के लिए विवाह समारोह के आयोजन को लेकर मारामारी की स्थिति बन गई है। आधे से ज्यादा बैंक्वेट हाल, कैटरिंग से लेकर टेंट व अन्य साजो-सामन तक अभी से बुक हो चुके हैं। पंडित विनायक भारद्वाज ने बताया कि हिंदू शास्त्रों के अनुसार शादी को सात जन्मों का बंधन माना गया है। इसमें बंधते समय हर दंपति एक-दूजे से मान-सम्मान, ऐश्वर्य और सुख मिलने की कामना करता है। हिंदू धर्म-ग्रंथों में गुरु को मान-सम्मान व ऐेश्वर्य का और शुक्र को साथ ही सुख का देवता माना गया है। ऐसे में शुक्र तारा लगने पर विवाह व अन्य शुभ कार्य करना अति उत्तम है, लेकिन इस बार शुक्र तारा 2 अक्तूबर से 27 नवंबर तक डूबे होने के कारण इस बीच शादी-विवाह व अन्य शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। बावजूद इसके यदि कोई इस अवधि में शादी करता है, तो ज्योतिषि की नजर से यह शुभ नहीं मानी जाती है। |
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