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23/09/2015  
सरकारी स्कूल के बाहर डेंगू को निमंत्रण
 

डैंगू वेलकम टू स्कूल, जी हाँ ये बात हम इस लिए बोल रहे हैं, क्योंकि रजोकरी के दो सरकारी स्कूलों के ठीक बाहर कुड़े-कचरे का मलवा पड़ा है, स्कूल के बाहर स्टूडेण्ट से ज्यादा मवेशी नजर आते हैं। कुछ दिनों पहले वहीं पर जलबोर्ड का बोरवेल लगा था, लेकिन बोरवेल का पानी दिन में कई घण्टे चलता रहता है, इस पानी मेें डैंगू वाले मच्छर साफ नजर आते हैं।

डैंगू वाले ये मच्छर स्कूल के दरवाजे पर हर वक्त तैनात रहते हैं, स्कूल के दरवाजे के ठीक सामनें जिस प्रकार ये पानी जमा हो रहा है, जाहिर है, यहीं मच्छरों का आशियाना है। ये तस्वीर रजोकरी के सरकारी स्कूल के बाहर का है। ऐसा लगता है कि इस स्कूल में डैंगू के मच्छर और इन मवेशियों का कब्जा है। स्कूल के ठीक दरवाजे पर कुड़े का अंबार लगा हूआ है। जिसकी मर्जी यहाँ कूड़ा लाकर फेंक देता है। हर वक्त मवेशी यहाँ मौजूद रहते हैं। इलाके में पानी की भारी समस्या है, लिहाजा जलबोर्ड नें यहाँ एक बोरवेल लगाया था, लेकिन बोरवेल लगानें के बाद पानी काफी गन्दा आनें लगा, लिहाजा पुरे दिन कई घण्टे इस बोरवेल को ऐसे हीं चालू छोड़ दिया जाता है, बोरवेल से निकला हुआ पानी पुरे सड़क पर फैल गया है, और इस साफ पानी में डैंगू वाले मच्छर भी पनपनें लगे हैं, सड़क पर पानी लगनें के कारण कुड़ा घर का रास्ता बन्द हो गया, नतिजन स्थानिय लोग यहीं स्कूल के बाहर कुड़ा फेंकने लगे।

इस मुसीबत का कारण कहीं ना कहीं वे महेकमे भी जिम्मेदार हैं, जो सफाई और डैंगू जैसे बीमारी से निपटनें के लिए करोड़ो के फण्ड की बात करते हैं। ऐसा लगता है, कि इस बिमारी से निपटनें के लिए जो दावे किए जा रहे हैं, वो सिर्फ कागजों तक हीं सीमित हैं, क्योंकी कारवाई अगर जमीनी होती, तो इस स्कूल की हालत ऐसी ना होती।
रजोकरी ईलाके में कई लोगों को डैंगू की शिकायत है, लेकिन सरकार जाने कहाँ सोई है, डैंगू से निपटारे के जो दावे हैं, इस तस्वीर को देखने के बाद खोखली नजर आती है। इस स्कूल में ईलाके के सैकड़ो छात्र पढ़ने आते हैं, अगर स्कूल के बाहर जल्द से जल्द सफाई नहीं कि गई,, तो ईलाके की हालत काफी बिगड़ सकती है।
दिल्ली से राकेश सोनी

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