15/07/2016 | |
हरियाणा में सरकारी स्कूलों का बुरा हाल ? | |
शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हरियाणा सरकार तमाम दावें करती है. कभी पाठ्यक्रम को बदलने की बात करते है तो बैठकों का दौर तेज करते है. पर सवाल ये हैं कि जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो इन एक्सपेर्मेंट का क्या फाय़दा. यू-डाइस की रिपोर्ट के आने के बाद एक चौकाने वाला सच सामने आया है. गुड़गांव जिले में 41 स्कूल ऐसे है जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है. गुड़गांव के सुशांत लोक के ए ब्लॉक में स्थित गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में लगभग 83 स्टूडेंट्स है पर टीचर मात्र एक. स्कूल टीचर सुनीता का कहना है कि पिछले 2 साल से वो यहां अकेले सब काम देख रही है. साल पहले यहां एक और टीचर थी जिसकी मृत्यु होने के बाद ये पोस्ट खाली हैं तब से पूरे स्कूल की जिम्मेदारी सुनीता पर है. इनका साथ देने के लिए यहां एक हेल्पर है जो बच्चों को मीड डे मील देती है और साफ सफाई करती है... शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार तमाम दावें करती है. कभी पाठ्यक्रम को बदलने की बात करते है तो बैठकों का दौर तेज करते है. पर सवाल ये हैं कि जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो इन एक्सपेर्मेंट का क्या फाय़दा. यू-डाइस की रिपोर्ट के आने के बाद एक चौकाने वाला सच सामने आया है. गुड़गांव जिले में 40 स्कूल ऐसे है जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है. गुड़गांव के सुशांत लोक के ए ब्लॉक में स्थित गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में लगभग 83 स्टूडेंट्स है पर टीचर मात्र एक. स्कूल टीचर सुनीता का कहना है कि पिछले 2 साल से वो यहां अकेले सब काम देख रही है. एक साल पहले यहां एक और टीचर थी जिसकी मृत्यु होने के बाद ये पोस्ट खाली हैं तब से पूरे स्कूल की जिम्मेदारी सुनीता पर है. इनका साथ देने के लिए यहां एक हेल्पर है जो बच्चों को मीड डे मील देती है और साफ सफाई करती है. वहीं सुनीता हर रोज दिल्ली के ग्रीन पार्क से मैट्रो से सफर तय कर स्कूल आती है. इतने बच्चों को अकेले पढ़ाना मुश्किल हैं यहीं कारण है कि वो 2 कमरों के बीच में बनी बरामदे में बैठ कर सब बच्चों को पढ़ाती हैं. दरबारी पुर के प्राइमरी स्कूल के हाल कुछ ऐसे ही है. जहां 123 छात्र है पर शिक्षक एक. हालांकि ब्लॉक ऑफिस से मदद के लिए अस्थाई रूप से एक शिक्षक नियुक्त किया गया है जो कि नाकाफी है. इस स्कूल के शिक्षक कैमरा पर कुछ बी बोलने को तैयार नहीं थे. यू-डाइस की रिपोर्ट में बताया गया है कि गुड़गांव ब्लॉक के 7 स्कूल, पटौदी के 9, सोहना के 18 और फर्रुखनगर के 7 स्कूलों में सिर्फ एक-एक टीचर हैं. यह खबर कुछ दिन पहले न्यूज 24 चैनल पर भी चली है। लेखिका, सायदा अफिफा, न्यूज 24 की रिपोटर हैं. | |
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